शुभांशु की वापसी के लिए परिजन उत्साहित, माता-पिता ने कहा- बेटे के धरती पर लौटने का बेसब्री से इंतजार

New Delhi, 13 जुलाई . एक्सिऑम-4 (एएक्स-4) मिशन 14 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से धरती पर लौटने वाला है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिवार इस मौके पर बहुत उत्साहित और गर्व महसूस कर रहा है.

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा का आखिरी चरण चार दिन की देरी के बाद पूरा होने जा रहा है. शुभांशु देश के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन चुके हैं.

शुभांशु शुक्ला के माता-पिता अपने बेटे का स्वागत करने को लेकर भावुक हैं. उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने समाचार एजेंसी से खास बातचीत में गर्व और खुशी जताई है.

शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि हम सब बहुत उत्साहित हैं! उनकी वापसी 14 जुलाई से शुरू होगी और हम 15 जुलाई को धरती पर उसके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हम जल्द से जल्द शुभांशु को अपनी आंखों के सामने देखने की प्रार्थना कर रहे हैं. हमारा पूरा परिवार उनकी वापसी का स्वागत करने के लिए बहुत गर्व और उत्साह से भरा है.”

उन्होंने बताया कि परिवार ने शुभांशु से तब बात की थी जब वह आईएसएस में थे. उन्होंने भावुक होकर कहा, “हमारी उनसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में बात हुई थी. उन्होंने हमें वहां चल रहे काम के बारे में बताया और हमें वह जगह भी दिखाई जहां वह सोते और काम करते हैं. उन्हें खुश और स्वस्थ देखकर हमें राहत मिली. बहुत अच्छा लगा.”

एक्सिओम स्पेस ने अपनी आधिकारिक जानकारी में बताया है कि एएक्स-4 के अंतरिक्ष यात्रियों का धरती पर लौटने का सफर Monday , 14 जुलाई को सुबह 7.05 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4.30 बजे) से पहले शुरू नहीं होगा. यह वापसी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आईएसएस पर एक ऐतिहासिक मिशन के समापन का प्रतीक है.

शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने भी अपनी भावना व्यक्त की और कहा कि परिवार बहुत उत्साह के साथ उनके लौटने के दिन गिन रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारे चेहरों पर खुशी साफ दिखाई दे रही है. हम शुभांशु के धरती पर उतरते ही उनसे मिलने के लिए बेहद उत्साहित हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं.

शुभांशु शुक्ला का एएक्स-4 मिशन में शामिल होना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि वे आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय हैं. यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नए अध्याय का प्रतीक है.

पीएसके/एएस