स‍िंंगापुर के साथ भारतीय मंत्रियों की वार्ता में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर फोकस

सिंगापुर, 26 अगस्त . विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) के दूसरे दौर से पहले सोमवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री लॉरेंस वोंग से संयुक्त रूप से मुलाकात की.

चारों मंत्रियों ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम द्वारा आयोजित दोपहर भोज की बैठक में भी हिस्सा लिया.

विदेश मंत्री जयशंकर ने बैठक के बाद एक्स पर लिखा, “सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से संयुक्त रूप से मुलाकात कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. उन्‍हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दी. भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं.”

इससे पहले दिन में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नाश्ते पर सिंगापुर की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की.

गोयल ने बताया, “चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि भारत में निवेश करने वाले किस प्रकार आगे बढ़ सकते हैं और 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने की यात्रा में कैसे योगदान दे सकते हैं.”

गौरतलब है क‍ि आईएसएमआर एक अद्वितीय उच्च स्तरीय तंत्र है. इसकी स्थापना भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए की गई है.

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, “यह बैठक दोनों पक्षों को अपनी रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने और इसे आगे बढ़ाने व व्यापक बनाने के लिए नए रास्ते तलाशने में सक्षम बनाएगी.”

दूसरे आईएसएमआर में सितंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित पहले आईएसएमआर की प्रगति की समीक्षा की जाएगी और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान की जाएगी.

उप प्रधानमंत्री तथा व्यापार और उद्योग मंत्री गान किम योंग सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. इसमें विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, गृह एवं विधि मंत्री के शनमुगम, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री तथा गृह मामलों की द्वितीय मंत्री जोसेफिन टेओ, जनशक्ति मंत्री तथा व्यापार एवं उद्योग की द्वितीय मंत्री तान सी लेंग, तथा परिवहन व वित्त मंत्री ची होंग टाट भी शामिल हैं.

विदेश मंत्रालय ने आईएसएमआर की उद्घाटन बैठक के बाद कहा था, “आईएसएमआर की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी और यह भारत-सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंधों की अनूठी प्रकृति को दर्शाता है.”

उद्घाटन के दौरान दोनों देशों के बीच चर्चा विशेष रूप से डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, हरित अर्थव्यवस्था, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा के उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित रही.

आईएसएमआर की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आशा व्यक्त की थी कि इस तरह की पहल से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.

पहली बैठक के बाद, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) और गुजरात में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के बीच एक फिनटेक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने कहा, “आईएसएमआर कोविड-19 के बाद के रिकवरी चरण में तेजी से विकसित हो रहे भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और चल रही आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को देखते हुए पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए नेताओं के नेतृत्व वाला मंच है. मंत्रियों ने भारत और सिंगापुर के बीच दीर्घकालिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों की बात कही. चर्चा में खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटलीकरण, हरित प्रौद्योगिकी और कौशल विकास सहित कई विषयों को शामिल किया गया. “

एकेएस/