रांची, 27 अप्रैल . झारखंड की राजधानी रांची शहर के सिरमटोली में आदिवासियों के धार्मिक महत्व वाले ‘सरना स्थल’ के पास फ्लाईओवर रैंप के निर्माण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. रविवार शाम आदिवासी महिला-पुरुषों ने रैंप हटाने की मांग को लेकर शहर के जयपाल सिंह स्टेडियम से जुलूस निकाला और अल्बर्ट एक्का चौक पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला भी फूंका.
इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो दोनों ओर से काफी देर तक धक्कामुक्की हुई. प्रदर्शन के कारण रांची मेन रोड पर करीब दो घंटे तक यातायात प्रभावित रहा. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. इस मुद्दे पर 22 मार्च को 40 से ज्यादा आदिवासी संगठनों के आह्वान पर रांची बंद रही थी.
सिरमटोली में आदिवासियों के धार्मिक महत्व का सबसे बड़ा सरना स्थल है, जहां हर साल उनके सबसे बड़े त्योहार सरहुल के मौके पर रांची और आस-पास के इलाकों से निकाली जाने वाली विशाल शोभायात्राओं का समागम होता है. विरोध कर रहे आदिवासी संगठनों का कहना है कि निर्माणाधीन फ्लाईओवर का रैंप ‘सरना स्थल’ के पास बना दिए जाने से सरहुल सहित अन्य धार्मिक आयोजन प्रभावित होंगे. रैंप बनाए जाने से सरना स्थल तक जाने वाली जगह छोटी पड़ गई है. यह उनकी आस्था और परंपराओं पर आघात है.
आदिवासी संगठनों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने पिछले महीने निर्माणाधीन रैंप को छोटा करने का निर्णय लेते हुए इसका एक बड़ा हिस्सा तुड़वा दिया था, लेकिन आंदोलन करने वाले लोग फ्लाईओवर के रैंप को पूरी तरह हटाने की मांग पर अड़े हैं.
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहीं झारखंड की पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि खुद को “अबुआ सरकार” (अपनी सरकार) कहने वाली हुकूमत राज्य के आदिवासियों की भावनाओं को कुचल रही है. रैंप निर्माण का विरोध करने पर हम लोगों पर मुकदमा किया गया, लेकिन इससे हम डरने वाले नहीं हैं.
प्रदर्शनकारियों के तल्ख तेवर को देखते हुए प्रशासन ने अल्बर्ट एक्का चौक को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था. रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा सहित शहर के कई थानों के प्रभारी और अधिकारी चौक के पास मौजूद रहे.
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एसएनसी/एकेजे