फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी के ड्रोन ने सफलतापूर्वक पूरी की अपनी पहली उड़ान

बेंगलुरु, 3 सितंबर . भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी कंपनी फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस (एफडब्लूडीए) ने मंगलवार को घोषणा की कि कंपनी ने अपने पहले मानव रहित स्वदेशी बॉम्बर एयरक्राफ्ट की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. इस ड्रोन का नाम एफडब्लूडीए- 200 बी है.

मीडियम एल्टीट्यूड और लांग एंड्यूरेंस (एमएएलई) कैटेगरी का यह एफडब्‍ल्‍यूडीए- 200 बी ड्रोन अधिकतम 15 हजार फीट की ऊंचाई और 8 सौ किलोमीटर दूरी पर जाने में सक्षम है.

इस मानव रहित विमान के सारे परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे करने के बाद कंपनी की योजना इस मानव रहित विमान में शक्तिशाली कैमरे और हमला करने के लिए एयर टू एयर मिसाइलें और एयर टू ग्राउंड मिसाइलें लगाने की है, ताक‍ि इसका सर्विलांस और अटैक दोनों भूमिकाओं में इस्तेमाल किया जा सके.

इस विमान के सफल होने के बाद विशेषज्ञों को उम्मीद है कि यह विमान अपनी सारी उड़ानें पूरी करने के बाद मीडियम एल्टीट्यूड और लांग एंड्यूरेंस कैटेगरी में देश के स्वदेशी विमानों की कमी को पूरा करेगा.

इस मानव रहित विमान के सफलतापूर्वक पहली उड़ान पूरी करने के अवसर पर कंपनी के फाउंडर और सीईओ सुहास तेजस्विनी ने पत्रकारों से कहा,“मैं भविष्य के वारफेयर से निपटने के लिए सात साल से काम कर रहा हूं. हमें दो साल से चल रहे मानव रहित वारफेयर ये सीखना चाहिए कि अब इंफेंट्री की नहीं, हाई एल्टीट्यूड एम्युनेशन, हाई एल्टीट्यूड एयरक्राफ्ट की जरूरत पड़ेगी. बायरख्तर और हरमीज जैसे आधुनिक तकनीक के ड्रोन दुनिया में आ गए हैं. हम थोड़ा पीछे रह गए हैं. इसकी वजह से मैं बहुत चिंतित रहता हूं. भारत को ऐसी तकनीक के 5000 और क्राफ्ट्स की जरूरत है. भारत में आज और मेल कैटेगरी के ड्रोन की बात होगी, तो आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमने इसे सफलतापूर्वक बना लिया है. इस विमान की पहली उड़ान में हमने काफी पैरामीटर्स भी अचीव कर लिया है. हमारा यह विमान 800 किलोमीटर दूरी तक एक बार में जा सकता है और हवाई हमला कर सकता है. मान लीजिए अगर एक एफ-16 जैसा मानव रहित विमान अभी हमारे क्षेत्र में घुस आए, तो हम हमारे पायलट को एयरक्राफ्ट में बिठा कर नहीं भेज सकते. हमारे पास भी उसी तरह का, उसी ताकत का विमान होना चाहिए, जो एफ-16 की भले ही बराबरी न कर पाए लेकिन उसे रोक जरूर दे.”

पीएसएम/