New Delhi, 3 सितंबर . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जिसके चलते दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में स्थित वासुदेव घाट पर पानी सड़क के किनारे तक पहुंच गया है.
जानकारी के अनुसार, Haryana के हथिनीकुंड बैराज से लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली के कश्मीरी घाट का वासुदेव घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और यमुना का पानी अब आउटर रिंग रोड के करीब पहुंच गया है.
प्रशासन के मुताबिक, यमुना नदी का जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो अगले कुछ घंटों में आउटर रिंग रोड भी बाढ़ के पानी की चपेट में आ सकता है. इससे कश्मीरी गेट के पास भारी यातायात प्रभावित होगा, जहां हर समय वाहनों की आवाजाही रहती है.
बता दें कि 2023 में भी यमुना के बढ़ते जलस्तर के कारण इस क्षेत्र में जलभराव और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हुई थी. इसी के मद्देनजर प्रशासन ने वासुदेव घाट के प्रवेश द्वार पर पानी को रोकने के लिए बोरियों को लगाया है, लेकिन बढ़ते जलस्तर के सामने यह उपाय नाकाम साबित हो रहा है.
इस बीच, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है.
दिल्ली से सटे नोएडा में भी यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद सेक्टर 125 से सेक्टर 151 तक के कई क्षेत्रों में पानी भर गया है. बाढ़ का पानी आने से फसलें बर्बाद हो गई हैं.
स्थानीय किसान ने से बातचीत में कहा कि बाढ़ का पानी आने से उनकी आजीविका पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. पानी के भरने के बाद क्षेत्र में रहने वाले करीब 700 से 800 लोग प्रभावित हुए हैं. हालात यह हैं कि प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई मदद नहीं की गई है.
वहीं, एक अन्य निवासी ने कहा कि बाढ़ के पानी से उनको काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. हमें और जानवरों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है.
बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206.97 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से लगभग 1.64 मीटर ऊपर है. हथिनीकुंड बैराज, वजीराबाद बैराज और ओखला बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
दिल्ली के यमुना बाजार, मयूर विहार, गीता कॉलोनी और मजनू का टीला जैसे क्षेत्रों में पानी घरों, गलियों और मंदिरों तक पहुंच गया है, जिससे काफी नुकसान हुआ है.
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