धारवाड़, 28 मई . कर्नाटक के धारवाड़ जिले में बरसात के मौसम में सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरता है बेनी झील पुल. हालात इतने गंभीर हैं कि भारी बारिश के दौरान यहां 56 गांवों को बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है.
धारवाड़ जिले के नवलगुंद तालुका, हुबली और धारवाड़ तालुका के अंतर्गत आने वाले 56 गांवों को राहत देने के लिए सरकार ने पहले ही 200 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की थी. इस अनुदान का उद्देश्य था नालों की गहराई को बढ़ाना ताकि बाढ़ की स्थिति को रोका जा सके.
हालांकि, बारिश और सीमावर्ती जिलों हावेरी, गडग और बेलगावी से आने वाले पानी के कारण हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ है.
वर्तमान में 180 किलोमीटर लंबी इस नाली में से 145 किलोमीटर का कार्य चिन्हित कर लिया गया है. कम बारिश होते ही काम शुरू किया जाएगा. इससे 56 गांवों में जल निकासी की स्थिति बेहतर हो सकेगी.
धारवाड़ जिले के प्रभारी मंत्री संतोष लाड और स्थानीय विधायक एन.एच. कोनराडी ने अधिकारियों के साथ मिलकर बेनी गांव का दौरा किया.
मंत्री संतोष लाड ने जानकारी दी कि बाढ़ की आशंका को देखते हुए 5 सदस्यीय अग्निशमन दल की टीम गठित की गई है और उन्हें नाव भी उपलब्ध कराई गई है.
उन्होंने कहा, “बेनी झील से जुड़ी 56 छोटी नालियां हैं. इन पर कड़ी नजर रखी जा रही है. तुपरी गांव सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है. वहां के लिए 160 करोड़ रुपए के अतिरिक्त अनुदान की मांग की गई है. राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार से भी सहायता की अपील की गई है.”
स्थानीय विधायक एन.एच. कोनराडी ने कहा, “नालों की सफाई कब पूरी होगी, यह निश्चित नहीं है. लेकिन अगर भारी बारिश हुई, तो इन 56 गांवों में बाढ़ आ सकती है.”
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आरएसजी/एबीएम/डीएससी