पटियाला, 19 जून . पटियाला पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े पांच गुर्गों को गिरफ्तार किया है और 7 अवैध हथियार, 10 मैगजीन और 11 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों ने कई बड़े खुलासे किए हैं.
इस कार्रवाई को जिले के एसएसपी वरुण शर्मा के नेतृत्व और महिला अधिकारी सवरणजीत कौर, सिटी पुलिस प्रमुख पलविंदर सिंह चीमा और ग्रामीण सर्किल प्रभारी गुरप्रताप सिंह की देखरेख में अंजाम दिया गया.
मुख्य रूप से यह छापेमारी थाना सदर पटियाला के प्रभारी इंस्पेक्टर अमृतवीर सिंह और चौकी बहादुरगढ़ के इंचार्ज हरदीप सिंह की टीम ने की.
24 मई को पटियाला के गांव देण कलां निवासी दलविंदर सिंह पर 7-8 अज्ञात हमलावरों ने तलवारों और रॉड से जानलेवा हमला किया था. इस मामले में थाना सदर पटियाला में केस नंबर 78/2025 दर्ज हुआ, जिसमें तेजिंदर सिंह उर्फ फौजी को नामजद किया गया था. तेजिंदर पहले से ही हत्या के केस में फिरोजपुर सेंट्रल जेल में बंद था.
तेजिंदर को 13 जून को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने जेल से ही अपने साथियों सुखचैन सिंह उर्फ सुखी, राहुल उर्फ कड्डू, विपल कुमार उर्फ बिट्टू और देव करण को हमले के निर्देश दिए थे.
14 जून को सुखचैन और राहुल को गिरफ्तार किया गया. 16 जून को विपल और देव करण को पकड़ा गया, जिनके पास से एक 32 बोर पिस्तौल, 7 कारतूस, दो मैगजीन और 315 बोर का देसी कट्टा बरामद हुआ. पूछताछ के बाद 18 जून को और पांच हथियार, तीन 30 बोर पिस्तौल, दो 32 बोर पिस्तौल, आठ मैगजीन और तीन कारतूस बरामद किए गए. आरोपियों ने बताया कि वे मध्य प्रदेश से अवैध हथियार खरीदते और उन्हें ऊंचे दामों पर बेचते थे.
एसएसपी वरुण शर्मा ने बताया कि तेजिंदर सिंह उर्फ फौजी, जिंदा हत्या केस में मृतक के परिजनों पर राजीनामा के लिए दबाव बना रहा था. दलविंदर सिंह, मृतक जिंदा का दोस्त था, जो इस राजीनामा का विरोध कर रहा था. इसी वजह से तेजिंदर ने जेल से ही हमला करवाया.
एसएसपी वरुण शर्मा ने बताया कि तेजिंदर और राहुल पहले जेल में साथ रहे थे और वहीं से लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संपर्क में आए. इनका मकसद पटियाला समेत पंजाब में टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम देना था. यदि यह हथियार बरामद न होते, तो गैंग राज्य में शांति भंग कर सकता था.
–
डीएससी/एबीएम