बिहार: भागलपुर में पीएमएमएसवाई से मत्स्य पालक की तकदीर बदली, मिनी फिश फीड मिलों से बने आत्मनिर्भर

भागलपुर, 19 सितंबर . Prime Minister मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) ने बिहार के भागलपुर जिले के मत्स्य पालकों और मछुआरों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है. इस योजना के तहत मिनी फिश फीड मिलों की स्थापना कर कई लाभार्थी फर्श से अर्श तक का सफर तय कर रहे हैं. ये न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर किफायती और गुणवत्तापूर्ण मछली चारा उपलब्ध कराकर मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में भी योगदान दे रहे हैं.

भागलपुर के बियाडा औद्योगिक प्रक्षेत्र में 8 टन क्षमता वाली फिश फीड मिल चलाने वाले अभिनव कुमार आनंद इसका जीता-जागता उदाहरण हैं.

उन्होंने से बात करते हुए बताया कि पीएमएमएसवाई के तहत मिली वित्तीय सहायता ने उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उनकी फिश फीड मिल में फ्लोटिंग चारा तैयार होता है, जिसमें वेज फीड का भी उपयोग होता है.

अभिनव ने आगे बताया कि इस योजना का लाभ लेने से पहले उनका मासिक टर्नओवर 20 लाख रुपए था, जो अब बढ़कर 76 लाख रुपए हो गया है. उनका वार्षिक टर्नओवर 7 से 8 करोड़ रुपए के बीच पहुंच गया है.

अभिनव ने बताया कि इस सफर में डिस्ट्रिक्ट फिशरीज ऑफिसर कृष्ण कन्हैया और यूको बैंक का भरपूर सहयोग मिला. शुरुआत में 40 लाख रुपए का अनुदान और हाल ही में 49 लाख रुपए का लोन सैंक्शन हुआ, जिसमें Government ने 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया.

उन्होंने कहा कि हमारी फिश फीड मिल में 6 लोगों की मार्केटिंग टीम और 37 कामगार कार्यरत हैं, जिनमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं. हमारी मिल बिहार और Jharkhand के कई जिलों में मछली चारा आपूर्ति कर रही है.

अभिनव ने Prime Minister Narendra Modi को इस बदलाव का श्रेय देते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद के बाद देश के सपनों को साकार करने में पीएम का विजन सर्वोपरि है.”

वहीं दूसरी ओर, सन्हौला प्रखंड के अदलपुर गांव के शमशेर सिंह भी पीएमएमएसवाई के लाभार्थी हैं. उनकी 2 टन क्षमता वाली फिश फीड मिल में सूखी मछली का पाउडर और तीसी की खल्ली से मछली चारा तैयार होता है.

शमशेर ने बताया कि पहले हमारी वार्षिक आय 5 लाख रुपए थी, जो अब बढ़कर 20 लाख रुपए हो गई है. मिल में उत्पादन की मांग काफी है. पीएमएमएसवाई ने मेरे जीवन में बड़ा बदलाव लाया है. पीएमएमएसवाई न केवल मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. इस योजना के लिए हम पीएम मोदी का आभार जताते हैं.

एकेएस/एएस