मुंबई, 10 जनवरी . मुंबई के दादर स्थित पुराने महापौर निवास पर बन रहे हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के राष्ट्रीय स्मारक के पहले चरण का काम पूरा हो गया है. शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने इसकी जानकारी दी और इस उपलब्धि को ऐतिहासिक क्षण बताया.
आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को से बातचीत करते हुए बताया कि पहले चरण में महापौर निवास की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया गया है और उसे संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है. इस संग्रहालय में बालासाहेब ठाकरे के जीवन और कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ियां उनकी प्रेरक यात्रा से प्रेरित हो सकें. इसके अलावा, स्मारक में प्रवेश द्वार, प्रशासनिक भवन और इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण भी पूरा किया गया है. इन सभी कार्यों के लिए ठेकेदार कंपनी के रूप में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गई थी.
स्मारक के पहले चरण पर कुल 180.99 करोड़ रुपये की लागत आई है. आदित्य ठाकरे ने इस परियोजना को बहुत अहम और ऐतिहासिक बताया और बताया कि यह केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा. आदित्य ठाकरे ने कहा कि पहले चरण का काम पूरा हो चुका है और अब दूसरा चरण जल्द ही शुरू होने वाला है. दूसरे चरण में बालासाहेब ठाकरे के जीवन की पूरी कहानी को इस स्मारक में प्रदर्शित की जाएगी, इससे लोग उनके संघर्षों और योगदानों से प्रेरित हो सकेंगे.
आदित्य ठाकरे ने इसे एक बहुत ही भावुक और महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा कि यह स्मारक न केवल बालासाहेब के योगदानों का सम्मान करेगा, बल्कि उनकी जीवन यात्रा को जीवित रखेगा, जो कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है. बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए आदित्य ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने समाज के लोगों का भविष्य सुधारने का कार्य किया. उनका जीवन केवल इतिहास नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है.
वहीं, शिवसेना यूबीटी नेता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. हम लोग उनके जीवन को करीब से देख रहे थे. 1966 से लेकर आज तक उनके साथ शिवसेना से लेकर कई पदों पर कार्य किया. आज जब उनका राष्ट्रीय स्मारक का पहला चरण पूरा हुआ, तो यह हमारे लिए गर्व का क्षण है. मन में एक तरह का सूख और दुख का अहसास हो रहा है, क्योंकि हम उन लम्हों को जीते हुए महसूस कर रहे हैं. आंसू और हंसी दोनों ही आते हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि हमने बालासाहेब के साथ कई महत्वपूर्ण घटनाएं देखी हैं.
उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी के पास शायद यह अनुभव नहीं होगा, लेकिन हमारे पास वह अनुभव है, जो हमें स्वाभिमान, अस्मिता, और राष्ट्र धर्म का सही मतलब सिखाता है. बालासाहेब ठाकरे का जीवन हमारे लिए दुर्लभ साहस का प्रतीक था. यदि किसी में सच के लिए लड़ने का हौसला था, तो वह बालासाहेब ठाकरे थे. उनका साहस, जिद, हिम्मत – ये सभी गुण आज भी हमें प्रेरित करते हैं.
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पीएसके/