लखनऊ, 22 जुलाई . भगवान शिव को समर्पित सावन माह की शुरुआत हो गई है. सावन के पहले सोमवार पर लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है. दर्शन और जल अभिषेक करने के लिए लोग सुबह से ही लाइन में लगे हुए हैं.
लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिरों में सुबह की आरती के लिए एक दिन पहले ही तैयारियां कर ली गई थीं. इसी क्रम में मनकामेश्वर मंदिर में सुबह चार बजे से बहुत लंबी लाइन लगी है.
डालीगंज के प्राचीन मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि महादेव का अभिषेक किया गया. भोर में महाआरती हुई. इसके अलावा राजधानी के अन्य शिवालयों में शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाकर अभिषेक किया जा रहा है.
राज्य के अन्य मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लग रही हैं. मंदिरों में हर हर महादेव, बम बम भोले के जयकारे सुबह से ही गूंज रहे हैं.
सावन के पहले सोमवार के उपलक्ष्य में काशी में सुबह 6 बजे बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती हुई. रात 12 बजे से मंदिर के अंदर से लेकर पूरा शहर भक्तों से भरा है. मंदिर के आसपास पैर रखने की जगह नहीं है.
विश्वनाथ मंदिर के बाहर डमरू वादकों ने समा बांधा. डमरू वादकों के बीच भक्त झूमते नजर आए. मुस्लिम समाज के लोगों ने भक्तों पर फूल बरसाए. शाम को मुख्यमंत्री योगी बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे. वाराणसी में कांवड़ियों पर फूल बरसाकर उनका स्वागत किया गया. काशी के घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ है.
काशी के अलावा प्रदेशभर के शिवालयों में हर-हर बम-बम की गूंज है. कानपुर में परमट मंदिर के बाहर काफी लंबी लाइन है. यहां गंगा स्नान के बाद भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. सोमवार को बाबा के दर्शन के लिए हाथ में गंगा जल से भरा पात्र और बेलपत्र लिए भक्त जयकारा लगाते हुए शिवालयों में पहुंच रहे हैं.
वनखंडेश्वर मंदिर में महादेव के भक्तों का उत्साह वातावरण को शिवमय बना रहा है. राजधानी लखनऊ से सटा हुआ लोधेश्वर महादेव काफी ऐतिहासिक मंदिर माना जाता है. इसमें बाराबंकी के साथ आसपास के कई जनपदों के अलावा देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. यहां पर भी सुबह से लोग जल और बेलपत्र चढ़ाने के लिए कतार में खड़े हैं.
राजधानी के बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी लाइनें लग गईं. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की कतार में बड़े-बूढ़े सभी लोग शामिल रहे.
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