नई दिल्ली, 4 दिसंबर . नई दिल्ली सीट से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने शिरोमणि अकाली दल प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार सुबह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की है.
बांसुरी स्वराज ने से कहा, “बुधवार को सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर के परिसर में जो जानलेवा हमला हुआ, वह यह दर्शाता है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. मैं भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल से यह सवाल पूछना चाहती हूं कि वे इस घटना पर चुप क्यों हैं? यह केवल सुखबीर सिंह बादल पर हमला नहीं है, बल्कि स्वर्ण मंदिर जैसे हमारे पवित्र स्थल पर हमला है. यह हमारे विश्वास और आत्मा पर प्रहार है. आप आंकड़े देखिए, आम आदमी पार्टी के पंजाब में सत्ता में आने के बाद अपराध बढ़ा है, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराध में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.”
उन्होंने कहा कि पंजाब में सजा की दर देश में सबसे कम है, सिर्फ 20 प्रतिशत मामलों में सजा मिलती है. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बार-बार आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार को फटकार लगानी पड़ती है. गत 24 नवंबर को ही हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि पंजाब में ऐसा लगता है जैसे पुलिस और अपराधियों के बीच एक गठजोड़ है, एक नेक्सस है. लेकिन सुरक्षा का मुद्दा तो केजरीवाल के लिए केवल एक चुनावी जुमला बनकर रह गया है, इसलिए वह आज इस बड़ी घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं.
भाजपा सांसद ने कहा, “पंजाब में जो कानून है, यह उसकी नाकामी है. लेकिन आपको यह भी याद होगा कि पंजाब पुलिस का दुरुपयोग मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा लगातार किया जा रहा है. दिल्ली में भाजपा नेता तेजिंदर सिंह को भी पंजाब पुलिस भेजकर परेशान किया गया था. आज जब सुखबीर सिंह बादल पर हमला हुआ, तो मीडिया की वीडियो में साफ दिखता है कि पंजाब पुलिस बस तमाशा देख रही थी, जबकि सामान्य जनता और सुखबीर जी के समर्थकों ने बीच में आकर हस्तक्षेप किया.”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भगवंत मान को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. अगर वह एक पूर्व उपमुख्यमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते, अगर वह यह नहीं सुनिश्चित कर सकते कि हमारे पवित्र स्वर्ण मंदिर में दिनदहाड़े गोलियां न चले, तो वह आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेंगे?”
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पीएसएम/एकेजे