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संत कबीर नगर, 3 नवंबर . उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में एक बड़ी कार्रवाई हुई है, जहां ब्रिटिश नागरिक मौलाना शमशुल हुदा खान के खिलाफ खलीलाबाद थाने में धोखाधड़ी और विदेशी मुद्रा अधिनियम (एफईएमए) के उल्लंघन के तहत First Information Report दर्ज की गई.
यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया है. एटीएस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मौलाना 2013 में इंग्लैंड की नागरिकता हासिल कर चुका था. वह India में इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा था. इसके साथ ही, आजमगढ़ और संत कबीर नगर में चल रहे उसके दोनों मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है, जबकि रजा फाउंडेशन एनजीओ का रजिस्ट्रेशन भी कैंसल कर दिया गया.
मौलाना शमशुल हुदा खान पर मुख्य आरोप है कि वह मदरसों के लिए विदेश से फंड इकट्ठा करने में ‘दलाली’ करता था. एटीएस की जांच में पाया गया कि वह इस्लाम के प्रचार के नाम पर बार-बार Pakistan का दौरा करता रहा और वहां के कई कट्टरपंथी मौलानाओं व संदिग्ध व्यक्तियों के संपर्क में था.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि शमशुल हुदा जम्मू-कश्मीर के संदिग्ध नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, जहां से कट्टर विचारधारा का प्रसार हो रहा था. इंग्लैंड की नागरिकता के बावजूद वह India में रहकर संदिग्ध गतिविधियां चला रहा था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी गईं.
Police ने बताया कि एटीएस की रिपोर्ट मिलने के बाद तुरंत First Information Report दर्ज की गई. मौलाना की गतिविधियां स्पष्ट रूप से संदिग्ध हैं. हम आगे की जांच कर रहे हैं और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश की जा रही है. First Information Report में धारा 420 (धोखाधड़ी) के अलावा एफईएमए की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कार्रवाई के तहत दोनों मदरसों को तत्काल बंद करने का आदेश जारी हो गया है, जहां सैकड़ों छात्र पढ़ते थे. रजा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन रद्द होने से एनजीओ की सभी गतिविधियां ठप हो गईं. यह मदरसों के लिए फंडिंग का केंद्र था.
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एससीएच/एएस