चंडीगढ़, 24 सितंबर . पंजाब में एक बार फिर पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. Government की सख्ती और जागरूकता अभियानों के बावजूद किसान अभी भी खेतों में पराली जलाकर फसल अवशेष नष्ट कर रहे हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अब तक पराली जलाने के कुल 70 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मामले अमृतसर जिले से सामने आए हैं.
इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए 20 किसानों के खिलाफ First Information Report दर्ज की गई है, जबकि कुल 1.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
इस बार पराली जलाने के मामलों में अमृतसर जिला सबसे आगे रहा है, जहां 42 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. यहां पराली जलाने के चलते करीब 90,000 रुपए का जुर्माना भी किसानों पर लगाया गया है.
जानकारों का मानना है कि पराली जलाने के ये मामले आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं, क्योंकि धान की कटाई का सीजन अभी जारी है. राज्य Government ने पहले ही किसानों से अपील की थी कि वे पराली जलाने से बचें और इसके लिए उपलब्ध वैकल्पिक उपायों का सहारा लें.
Governmentी निर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ अब प्रशासन ने भी सख्त रवैया अपनाया है. कई जगहों पर ड्रोन और सैटेलाइट के जरिए पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी की जा रही है.
पंजाब Government किसानों को पराली के निपटारे के लिए सब्सिडी पर मशीनें जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रोटावेटर आदि उपलब्ध करा रही है. इसके अलावा, जागरूकता अभियानों के जरिए किसानों को समझाया जा रहा है कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि उनकी खुद की जमीन की उर्वरता भी घटती है.
पराली जलाने से उठने वाला धुआं न सिर्फ स्थानीय स्तर पर हवा को प्रदूषित करता है, बल्कि यह राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है. यही कारण है कि इस मुद्दे को लेकर Supreme court और केंद्र Government भी पहले कई बार सख्त निर्देश दे चुकी हैं.
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वीकेयू/एएस