मुडा घोटाले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज

बेंगलुरू, 27 सितंबर . कर्नाटक के बहुचर्चित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) में हुए घोटाले को लेकर पीपुल्स कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे. इसके बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया पर मैसूर लोकायुक्त में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

बताया जा रहा है कि विशेष अदालत के आदेश पर लोकायुक्त एडीजीपी मनीष खरबीकर ने मैसूर लोकायुक्त एसपी उदेश को इस विषय में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद एसपी ने यह कार्रवाई की है. हालांकि, अभी किन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मुडा केस कानून के मुताबिक लड़ा जायेगा. यह पहली बार है कि मेरे साथ जनता के समर्थन से घबराए विपक्ष ने मेरे खिलाफ राजनीति से प्रेरित मामला दर्ज कराया है. न्याय मेरे पक्ष में है, मैं इसका सामना करूंगा और जीतूंगा.”

उन्होंने आगे लिखा, “पिछले चुनाव में हमारी सरकार को जनता का आशीर्वाद मिला और उसी के अनुरूप हम अच्छे ढंग से शासन कर रहे हैं. इस पांच साल की अवधि में राज्य का विकास करने का जनादेश है. राज्यपाल को इसमें हस्तक्षेप नहीं चाहिए, अगर इसमें हस्तक्षेप किया गया तो हमें अनिवार्य रूप से विरोध करना पड़ेगा.”

बता दें कि कर्नाटक के मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) में विकास योजनाओं के दौरान खुद की जमीन खोने वाले लोगों के लिए सन 2009 में एक योजना लागू की गई थी. इस योजना के तहत जमीन खोने वाले लोगों को विकसित भूमि का 50 फीसदी हिस्सा देने की बात की गई थी. इसी वजह से आगे चलकर यह योजना 50:50 के नाम से मशहूर हुई.

इस योजना को 2020 में भाजपा की सरकार ने स्थगित कर दिया. आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि इस मुडा के विकास प्रोग्राम के लिए अधिग्रहित की गई, लेकिन बिना इस जमीन का अधिग्रहण किए ही देवनूर विकास योजना का तृतीय चरण विकसित कर दिया गया.

पीएसएम/एबीएम