आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक में क्या परिवर्तन हुए, वित्तीय मामलों के जानकार अश्विनी राणा ने विस्तार से बताया

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर . रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है. रेपो दर को अभी 6.50 प्रतिशत पर ही रखा जाएगा. आरबीआई ने यह फैसला मॉनिटरिंग पॉलिसी कमेटी के 6 सदस्यों वाले पैनल में 5-1 के अनुपात से किया. इस समीक्षा बैठक में आरबीआई ने और क्या-क्या परिवर्तन किया ? वॉयस ऑफ बैंकिंग के संस्थापक और पूर्व बैंकर अश्विनी राणा ने विस्तार से आरबीआई के इस बैठक में हुए फैसलों की समीक्षा की.

उन्होंने से बात करते हुए बताया, “रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक नीति बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट किया है कि वह रेपो दर में कोई बदलाव नहीं कर रहा है. रेपो दर पहले की तरह 6.50 प्रतिशत पर बनी रहेगी. हालांकि, फूड इन्फ्लेशन अभी नियंत्रण में नहीं आया है, जिसके कारण रिजर्व बैंक ने रेपो दर को स्थिर रखने का फैसला किया है. इससे उन लोगों को निराशा हो सकती है जो त्योहारों से पहले महंगी ईएमआई में कमी की उम्मीद कर रहे थे. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी हैं. उन्होंने एनबीएफसी और बैंकों को चेताया है कि वे सिक्योरिटी लोन में अत्यधिक वित्तपोषण से बचें, क्योंकि इससे उनका डिपॉजिट-क्रेडिट अनुपात प्रभावित हो सकता है, जो बैंकों और एनबीएफसी के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है. ग्राहकों के लिए राहत की बात यह है कि जो लोग एनबीएफसी से लोन लेकर उसे समय से पहले चुकाते हैं, उन पर लगने वाली पेनल्टी को खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके लिए रिजर्व बैंक एक सर्कुलर जारी करेगा.”

इससे आगे उन्होंने यूपीआई ट्रांजैक्शन पर किए गए बदलावों की जानकारी देते हुए कहा “यूपीआई उपयोगकर्ताओं के लिए भी एक बड़ी राहत दी गई है. यूपीआई 123 जो बिना इंटरनेट और स्मार्टफोन के काम करता है, में एक ट्रांजैक्शन की सीमा 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये कर दी गई है. रिजर्व बैंक का कहना है कि इससे लोग यूपीआई के जरिए आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकेंगे. वहीं यूपीआई लाइट में पहले 2000 रुपए तक वॉलेट में रखने की अनुमति थी तो अब उसको बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया गया है. साथ ही बिना पिन के 500 रुपए ट्रांजेक्शन की सीमा को कम करके 100 रुपए कर दिया गया है. रिजर्व बैंक ने बताया कि जब ग्राहक मोबाइल के माध्यम से किसी अन्य ग्राहक के खाते में पैसे ट्रांसफर करते हैं, तो उस ग्राहक का नाम भी दिखेगा. इसी तरह की सुविधा आरटीजीएस और एनईएफटी में भी ग्राहक का नाम उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि गलती की संभावना कम हो सके और यह सुनिश्चित हो सके कि पैसा सही खाते में जा रहा है. इस प्रकार, रिजर्व बैंक ग्राहकों को कई सुविधाएं देने की कोशिश कर रहा है.”

पीएसएम/जीकेटी