वित्त मंत्री सीतारमण 27 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से करेंगी मुलाकात

New Delhi, 14 जून . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में भारी कटौती के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 27 जून को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मिलेंगी और उनके वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी. इसके अलावा, वित्त मंत्री प्रमुख Governmentी योजनाओं पर भी चर्चा करेंगी.

आरबीआई द्वारा नीतिगत रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती कर इसे 5.5 प्रतिशत करने और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 100 आधार अंकों की कटौती कर इसे 3 प्रतिशत करने के बाद यह पहली बड़ी समीक्षा बैठक होगी.

सीआरआर में कटौती को अलग-अलग चरणों में लागू किया जाएगा और इससे बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे नकदी बढ़ेगी, साथ ही ऋण देने को प्रोत्साहन मिलेगा.

रेपो रेट में 50 आधार अंकों की जंबो कटौती के समर्थन में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के छह में से पांच सदस्‍य थे.

दरों में कटौती का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है, जो वित्त वर्ष 2025 में चार साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री 27 जून को होने वाली इस बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति का आकलन करेंगी और चालू वित्त वर्ष के लिए नए लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे.

वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा बैंकों से धीमी होती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए उत्पादक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ाने का आग्रह किए जाने की भी उम्मीद है.

बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड योजना, Prime Minister मुद्रा योजना और तीन सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों (Prime Minister जीवन ज्योति बीमा योजना, Prime Minister सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना) जैसी प्रमुख Governmentी पहलों की समीक्षा की जा सकती है.

यह समीक्षा ऐसे समय में की जा रही है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज कर रहे हैं.

वित्त वर्ष 2025 में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का संयुक्त मुनाफा 26 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.41 लाख करोड़ रुपए था. सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वर्ष के लिए मुनाफा दर्ज किया.

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2025 में 70,901 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुल आय में अकेले एसबीआई का योगदान 40 प्रतिशत से अधिक रहा.

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