वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आज पेश करेंगी नया इनकम टैक्स बिल 2025

New Delhi, 11 अगस्त . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Monday को Lok Sabha में संशोधित इनकम टैक्स बिल 2025 पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

अपडेटेड इनकम टैक्स बिल 2025 में संसदीय चयन समिति के 285 सुझाव शामिल हैं.

नए कानून का उद्देश्य कर प्रक्रियाओं को सरल बनाना और पिछली कमियों को दूर करना है, जिससे देश में आयकर परिदृश्य में संभावित रूप से बदलाव आ सकता है.

पिछले हफ्ते, आयकर विधेयक, 2025 को Government ने औपचारिक रूप से वापस ले लिया था, जिसे मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के स्थान पर 13 फरवरी को Lok Sabha में पेश किया गया था.

BJP MP बैजयंत जय पांडा की अध्यक्षता वाली चयन समिति द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशों को शामिल करते हुए, आयकर विधेयक का एक नया संस्करण अब संसद में पेश किया जाएगा.

विधेयक के कई संस्करणों से भ्रम की स्थिति से बचने और सभी परिवर्तनों को शामिल करते हुए एक स्पष्ट और अपडेटेड संस्करण प्रदान करने के लिए, आयकर विधेयक का नया संस्करण सदन के विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा.

इस कानून की समीक्षा के लिए जिम्मेदार संसदीय चयन समिति के अध्यक्ष पांडा के अनुसार, नया कानून पारित होने के बाद, India के दशकों पुराने कर फ्रेमवर्क को सरल बनाएगा, कानूनी उलझनों को कम करेगा और व्यक्तिगत करदाताओं तथा एमएसएमई को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा.

पांडा के अनुसार, “वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 में 4,000 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं और इसमें 5 लाख से ज्यादा शब्द हैं. यह बहुत जटिल हो गया है. नया विधेयक इसे लगभग 50 प्रतिशत तक सरल बनाता है, जिससे आम करदाताओं के लिए इसे पढ़ना और समझना कहीं ज्यादा आसान हो जाता है.”

उन्होंने आगे कहा कि इस सरलीकरण का सबसे ज्यादा लाभ छोटे व्यवसाय के मालिकों और एमएसएमई को होगा, जिनके पास अक्सर जटिल कर संरचनाओं से निपटने के लिए कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञता का अभाव होता है.

नए उपाय प्रत्यक्ष कराधान की एक निष्पक्ष और न्यायसंगत प्रणाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेगी कि देश के कामकाजी और मध्यम वर्ग पर प्रत्यक्ष करों का कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े.

सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं. Government के अनुसार, नया स्ट्रक्चर मध्यम वर्ग के करों में कमी लाता है और उनके हाथों में अधिक धन उपलब्ध करवाता है, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलता है.

वित्त अधिनियम, 2025 ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 87ए के तहत कर छूट का दावा करने हेतु आय सीमा को धारा 115बीएसी के अंतर्गत नई कर व्यवस्था के अंतर्गत कर योग्य निवासी व्यक्तियों के लिए 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया है और अधिकतम छूट राशि 25,000 रुपए से बढ़ाकर 60,000 रुपए कर दी गई है.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, नई कर व्यवस्था के तहत पहले दी गई मार्जिनल राहत 12,00,000 रुपए से थोड़ी अधिक आय पर भी लागू है. नया इनकम टैक्स बिल आम नागरिकों और छोटे उद्योगों के लिए कर दाखिल करना आसान बना देगा.

एसकेटी/