नई दिल्ली, 23 जुलाई . केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट संसद में पेश किया. बजट में समाज के विभिन्न तबकों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है. खासकर युवाओं, महिलाओं और कृषि क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा है.
मोदी सरकार मानती है कि अगर आपको देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है, तो इसके लिए आपको इन तीनों वर्ग के लोगों पर विशेष ध्यान रखना होगा, तभी आप अपनी इस आकांक्षा को जमीन पर उतार सकेंगे.
बात अगर महिलाओं की करें, तो इस बार केंद्र सरकार ने अपने बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस किया है. खासकर कामकाजी महिलाओं को नौकरी के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने कार्यस्थल पर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच बनाने का ऐलान किया है. चूंकि आमतौर पर देखा जाता है कि अपने छोटे बच्चों की वजह से महिलाएं कई बार नौकरी करना छोड़ देती हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने यह ऐलान किया है.
वहीं, महिलाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार ने बजट में तीन लाख करोड़ का आवंटन किया है. केंद्र सरकार ने महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर रजिस्ट्री के दौरान लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर राहत देने की घोषणा की है. इससे गरीबों को आवास खरीदने के दौरान रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर बड़ी राहत मिल सकेगी.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने आगे कई प्रकार की महिला केंद्रित योजनाएं भी शुरू करने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने 20 लाख युवतियों को कौशलयुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मौजूदा वक्त में बड़ी संख्या में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो उपयुक्त कौशल ना होने के अभाव में मनचाही नौकरी प्राप्त नहीं कर पाती हैं या अगर पाती भी हैं तो उन्हें मनचाहा वेतन प्राप्त नहीं हो पाता है. इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस बार बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रशिक्षित करने का ऐलान किया है, ताकि वो भारत की अर्थव्यवस्था को विकसित करने की दिशा में अहम अपना योगदान दे सकें.
सरकार ने पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं और महिलाओं को पीएफ में एक महीने का वेतन दिया जाएगा.
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