झारखंड में पेट्रोल-डीजल पर लगेगा सेस?, भाजपा के विरोध पर वित्त मंत्री ने दी सफाई

रांची, 26 दिसंबर . झारखंड में पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकार की ओर से कथित तौर पर सेस लगाए जाने की तैयारी पर विरोध के स्वर उठने लगे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि सरकार ऐसा निर्णय लेती है तो यह आत्मघाती और जनविरोधी होगी.

दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार राजस्व वृद्धि के लिए पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस लगाने का प्रस्ताव तैयार कर रही है. ऐसा होने से राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमत में प्रति लीटर दो से तीन रुपए की वृद्धि हो सकती है.

हालांकि, राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गुरुवार को इस संबंध में पत्रकारों के सवाल पर कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. अगर भविष्य में इसकी जरूरत पड़ी तो समय और परिस्थिति पर सरकार निर्णय ले सकती है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खुद हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोलियम पर अपनी ओर से टैक्स लगाना चाहती है. इसकी चर्चा जैसलमेर में आयोजित जीएसटी काउंसिल बैठक के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने की थी. झारखंड सरकार ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी.

झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बयान में कहा है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाकर इनकी कीमतों में 2 से 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की तैयारी चल रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से राजस्व बढ़ाने के निर्देश के बाद अधिकारी जनता की पॉकेट पर बोझ लादकर सरकारी खज़ाना भरने का प्रयास कर रहे हैं.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इसे जनविरोधी प्रस्ताव बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की है, क्योंकि इससे रोजमर्रा की चीजों में काफी महंगाई आ सकती है.

उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “आपके इस बेतुके निर्णय का आम जनजीवन में बुरा असर पड़ेगा. पहले बिजली दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव और अब पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के संकेत को देखकर जनता समझ चुकी है कि आपने अव्यवहारिक चुनावी वादे कर उनके साथ कितना बड़ा छल किया है.”

मरांडी ने आगे कहा, “राजस्व बढ़ाने के लिए छटपटाहट में लिया जा रहा आपका निर्णय जनता में भारी असंतोष पैदा कर रहा है.”

उन्होंने उम्मीद जताई कि सारे जनप्रतिनिधि राजनीति से ऊपर उठकर आम जनजीवन पर दुष्प्रभाव डालने वाले इस निर्णय को वापस कराने के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे.

एसएनसी/एबीएम