नई दिल्ली, 11 अक्टूबर . भारत दुनिया की कौशल राजधानी बनने की दिशा में अपनी यात्रा शुरू कर चुका है. फाइनल ईयर और प्री-फाइनल ईयर के छात्रों का रोजगार योग्य प्रतिशत 2014 में 33.9 था जो बढ़कर 2024 में 51.3 प्रतिशत हो गया. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार, विश्व की सबसे युवा आबादी वाले देशों में से एक भारत, अपनी युवा आबादी का लाभ ऐसे कार्यबल के माध्यम से उठा सकता है, जो ‘रोजगार योग्य’ कौशल में प्रशिक्षित हों तथा उद्योग के लिए तैयार हों.
बता दें कि युवाओं को कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्य पहलों में से एक प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना है. इस योजना का लक्ष्य पांच वर्षों में देश की शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को व्यापक इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है.
केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषित इस पहल के तहत युवाओं को वास्तविक जीवन के कारोबारी माहौल में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने में मदद करने के लिए 12 महीने की इंटर्नशिप की पेशकश की जाएगी, जिससे अकादमिक शिक्षा और उद्योग की जरूरतों के बीच की खाई को पाटा जा सकेगा.
गत 3 अक्टूबर को शुरू की गई पायलट परियोजना का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1.25 लाख इंटर्नशिप प्रदान करना है, जिसमें शीर्ष कंपनियों की पहचान उनके सीएसआर व्यय के आधार पर की जाएगी.
यह योजना मौजूदा कौशल विकास कार्यक्रमों से स्वतंत्र रूप से संचालित होती है और व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने पर जोर देती है. योजना का पोर्टल 12 अक्टूबर को उम्मीदवारों के लिए खुलेगा.
इंटर्नशिप योजना 12 महीने का इंटर्नशिप प्रदान करती है जिसका उद्देश्य युवा व्यक्तियों को वास्तविक दुनिया की नौकरी का अनुभव प्रदान करना है. इंटर्न को 12 महीने के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं. इसमें से 500 रुपये कंपनी अपने सीएसआर फंड से देती है और 4,500 रुपये सरकार इंटर्न के आधार से जुड़े बैंक खाते में ट्रांसफर करती है.
इंटर्नशिप स्थान पर इंटर्न के शामिल होने पर सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रत्येक इंटर्न को 6,000 रुपये का एकमुश्त अनुदान वितरित किया जाएगा. योजना के तहत इंटर्न के प्रशिक्षण से जुड़े व्यय को मौजूदा नियमों के अनुसार कंपनी द्वारा अपने सीएसआर फंड से वहन किया जाएगा.
सरकार की बीमा योजनाओं के तहत प्रत्येक व्यक्तिगत प्रशिक्षु को बीमा कवरेज भी प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा, कंपनी प्रशिक्षुओं को अतिरिक्त दुर्घटना बीमा कवरेज भी प्रदान कर सकती है.
एक अन्य कौशल विकास प्रयास भारतीय कौशल संस्थान है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में भारतीय कौशल संस्थान का उद्घाटन किया.
मंत्रालय के अनुसार, आईआईएस को उद्योग 4.0 के लिए डिजाइन किया गया है, जो फैक्ट्री ऑटोमेशन, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, मेक्ट्रोनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डेटा एनालिटिक्स और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करता है.
–
आरके/एकेजे