New Delhi, 14 जुलाई . ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक पर के फैसले को Supreme court में चुनौती दी गई है. फिल्म निर्माता ने दिल्ली हाई कोर्ट के 10 जुलाई के आदेश को चुनौती देते हुए Supreme court का दरवाजा खटखटाया है.
फिल्म निर्माता के वकील ने Monday को Supreme court में याचिका दायर की और मामले को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया. इस पर Supreme court ने मामले को एक-दो दिन में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का भरोसा दिया है. वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया फिल्म निर्माता की ओर से कोर्ट में पेश हुए.
फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होनी थी, लेकिन इससे एक दिन पहले 10 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को सिनेमा एक्ट की धारा 6 के तहत फिल्म की समीक्षा करने का आदेश दिया था. यह फैसला तीन याचिकाओं पर दिया गया था, जिनमें जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की याचिका भी शामिल थी.
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि “फिल्म सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ है और मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है.” वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मौलाना अरशद मदनी की ओर से हाईकोर्ट में पक्ष रखा.
सेंसर बोर्ड ने हाईकोर्ट को बताया था कि फिल्म के कुछ विवादित हिस्से हटा दिए गए हैं. कोर्ट ने फिल्म निर्माता से कहा था कि वे फिल्म और ट्रेलर एक बार फिर याचिकाकर्ताओं के वकीलों को दिखाएं. जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनिश दयाल की बेंच ने पूरे मामले को सुना और 10 जुलाई को अपना फैसला सुनाया.
बता दें कि ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म राजस्थान के उदयपुर शहर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है. कन्हैया लाल उदयपुर में कपड़ों की सिलाई (दर्जी) का काम करते थे. 28 जून 2022 को मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद नाम के दो युवकों ने कन्हैया लाल का गला रेत दिया. दोनों ने हत्या का वीडियो बनाया और इसे वायरल किया था.
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डीसीएच/डीएससी