झारखंड चुनाव : दूसरे चरण की 38 में से 20 सीटों पर सियासी विरासत बचाने का संग्राम

रांची, 19 नवंबर . झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की कुल 38 में से 20 सीटों पर सियासी विरासत को बचाने की लड़ाई है. इन सीटों पर अपने दौर के कद्दावर नेताओं के पुत्र, पुत्री, पत्नी, भाई और बहू चुनावी अखाड़े में ताकत दिखा रहे हैं.

रामगढ़ सीट पर आजसू पार्टी की प्रत्याशी और सीटिंग विधायक सुनीता चौधरी गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं. इस सीट से पूर्व में चंद्रप्रकाश चौधरी भी कई बार विधायक रह चुके हैं. सुनीता चौधरी का मुकाबला कांग्रेस की ममता देवी और जेएलकेएम के पुनेश्वर कुमार से है.

मांडू सीट पर निवर्तमान विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल के पिताजी टेकलाल महतो (अब दिवंगत) यहां से चार बार विधायक रह चुके थे. जयप्रकाश पटेल का मुकाबला आजसू के प्रत्याशी तिवारी महतो से है. मधुपुर सीट पर हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री हफीजुल हसन झामुमो के प्रत्याशी हैं. उनके पिता हाजी हुसैन अंसारी यहां से कई बार विधायक चुने गए थे. उनके निधन के बाद हफीजुल उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार उन्हें भाजपा के गंगा नारायण सिंह से चुनौती मिल रही है.

दुमका सीट पर झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन के छोटे पुत्र और सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन झामुमो के प्रत्याशी हैं, जिनका मुकाबला दुमका के पूर्व सांसद और भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन से है. जामताड़ा में पूर्व सांसद और विधायक फुरकान अंसारी के पुत्र इरफान अंसारी कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिन्हें शिबू सोरेन की बड़ी बहू भाजपा की सीता सोरेन कड़ी टक्कर दे रही हैं. गोड्डा में भाजपा ने सीटिंग विधायक अमित मंडल को फिर से प्रत्याशी बनाया है. उनके पिता रघुनंदन मंडल भी इस सीट से विधायक रहे थे. उनका मुकाबला राजद के संजय यादव से है.

पाकुड़ में कांग्रेस ने हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे और फिलहाल जेल में बंद आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को प्रत्याशी बनाया है. उनका मुकाबला आजसू पार्टी के अजहर इस्लाम से है. बरहेट में सीएम हेमंत सोरेन तीसरी बार झामुमो के उम्मीदवार हैं. सभी जानते हैं कि वह झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन की विरासत के सबसे बड़े झंडाबरदार हैं. महागामा में कांग्रेस की प्रत्याशी और हेमंत सरकार में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह पूर्व में इस क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इस बार दीपिका का मुकाबला भाजपा के अशोक भगत से है.

शिकारीपाड़ा सीट से लगातार सात बार जीत दर्ज करने वाले झामुमो के नलिन सोरेन इसी साल दुमका से सांसद चुने गए हैं. इस सीट पर उनकी विरासत संभालने के लिए झामुमो ने उनके पुत्र आलोक सोरेन को प्रत्याशी बनाया है. यहां भाजपा के परितोष सोरेन के साथ उनकी सीधी टक्कर है. झरिया सीट पर एक ही सियासी घराने की दो बहुओं के बीच टक्कर है. कांग्रेस ने फिर से धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर दिवंगत नीरज सिंह की पत्नी पूूर्णिमा नीरज सिंह को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह को उनके मुकाबले मैदान में उतारा है.

बाघमारा सीट पर भाजपा ने धनबाद सीट से सांसद चुने गए ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो को प्रत्याशी बनाया है, जिनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी जलेश्वर महतो से है. निरसा सीट पर सीटिंग विधायक अपर्णा सेनगुप्ता एक बार फिर भाजपा की प्रत्याशी हैं. उनके पति सुब्रत सेन गुप्ता इस सीट से फॉरवर्ड ब्लॉक से चुनाव लड़ते थे. उनकी हत्या के बाद हुए चुनाव में अपर्णा पहली बार विधायक बनीं थीं. इस बार उनका मुकाबला पूर्व विधायक सीपीआई एमएल के प्रत्याशी अरूप चटर्जी से है, जिनके पिता गुरुदास चटर्जी यहां से तीन बार विधायक रह चुके हैं.

सिंदरी में भाजपा ने मौजूदा विधायक इंद्रजीत महतो के अस्वस्थ रहने की वजह से उनकी पत्नी तारा देवी को मैदान में उतारा है. उन्हें टक्कर दे रहे सीपीआई एमएल के प्रत्याशी चंद्रदेव महतो पूर्व विधायक आनंद महतो के पुत्र हैं. बगोदर में सीटिंग विधायक विनोद सिंह सीपीआई एमएल के प्रत्याशी हैं. उनके पिता महेंद्र सिंह इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके थे. उनकी हत्या के बाद विनोद सिंह पहली बार विधायक चुने गए थे. इस सीट पर उन्हें भाजपा के नागेंद्र महतो सीधी चुनौती दे रहे हैं.

जमुआ सीट पर भाजपा ने मंजू देवी को उतारा है, जिनके पिता सुकर रविदास इस सीट से विधायक रह चुके हैं. इस बार मंजू देवी का मुकाबला झामुमो के केदार हाजरा से है. गांडेय सीट पर सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन मुर्मू झामुमो की प्रत्याशी हैं, जिन्हें भाजपा की प्रत्याशी मुनिया देवी से टक्कर मिल रही है. बोकारो में कांग्रेस ने श्वेता सिंह को उतारा है, जो यहां से कई बार विधायक रहे स्व. समरेश सिंह की बहू हैं.

डुमरी में झामुमो ने इस बार फिर से बेबी देवी को उतारा है. वह हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे दिवंगत जगन्नाथ महतो की पत्नी हैं. पति की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में वह विधायक चुनी गई थीं. इस सीट पर उन्हें चुनौती दे रही आजसू पार्टी की यशोदा देवी के पति स्व. दामोदर महतो भी इस सीट से कई बार चुनाव लड़ चुके थे. हालांकि, वह कभी चुनाव जीत नहीं पाए थे. बेबी देवी को जेएलकेएम के प्रत्याशी जयराम महतो से भी चुनौती मिल रही है.

बेरमो सीट पर कांग्रेस ने अनूप सिंह को प्रत्याशी बनाया है, उनके पिता राजेंद्र सिंह इस सीट से कई बार विधायक चुने गए थे. अनूप सिंह भी पिता के निधन के बाद हुए उपचुनाव में विधायक चुने गए थे. इस बार उनका मुकाबला भाजपा के रवींद्रनाथ पांडेय से है. रवींद्रनाथ पांडेय के पिता दिवंगत कृष्ण मुरारी पांडेय की गिनती क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेस नेताओं में होती थी.

एसएनसी/एबीएम