एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव लोकतंत्र पर हमला : फौजिया खान

New Delhi, 3 अगस्त . एनसीपी (एससीपी) की राज्यसभा सांसद फौजिया खान ने मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से नाम हटाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव के समय इस तरह की कवायद संदेह पैदा करती है. एसआईआर क्यों हो रही है? अगर ऐसा हो रहा है तो यह कितना पारदर्शी कदम है?

उन्होंने कहा कि अगर मतदाता सूची से नाम हटते रहेंगे, तो चुनाव निष्पक्ष कैसे हो सकते हैं? यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है. मतदाता सूची में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना लोकतंत्र की रक्षा के लिए अनिवार्य है.

फौजिया खान ने Maharashtra की सांस्कृतिक पहचान का हवाला देते हुए कहा कि यह राज्य सुसंस्कृत और प्रगतिशील रहा है, लेकिन वर्तमान में कुछ नेताओं के बयान और कार्य इसकी छवि को धूमिल कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, “Maharashtra की संस्कृति ऐसी नहीं है कि हम विभाजनकारी बातें करें. लेकिन आज, ऐसी बातों को बढ़ावा दिया जा रहा है.”

फौजिया खान ने Maharashtra Government के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे किसानों की आत्महत्या और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय, व्यर्थ के विषयों पर समय बर्बाद कर रहे हैं. कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और किसान संकट में हैं. Government को इन मुद्दों पर काम करना चाहिए. Maharashtra की जनता जागरूक है और वह ऐसी Government चाहती है, जो उनकी समस्याओं का समाधान करे, न कि विवादों को हवा दे.

इसके साथ ही फौजिया खान ने दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान पुरी बलंगा मामले की पीड़िता की मौत पर भी सवाल उठाए. उन्होंने इस मामले को संदिग्ध बताते हुए कहा, “Police 15 दिनों तक कहती रही कि वे सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और उन्हें संदेह है. फिर अचानक लड़की की मौत के बाद इसे आत्महत्या कैसे घोषित कर दिया गया? यह संदिग्ध है. इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच की मैं मांग करती हूं ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और सच्चाई सामने आए.”

एकेएस/एबीएम