नई दिल्ली, 16 जनवरी . वर्तमान में कई लोग बदलती जीवनशैली से फैटी लिवर की समस्या के शिकार हो रहे हैं. यह समस्या आगे बढ़कर बेहद गंभीर हो सकती है, जो लिवर सिरोसिस की बीमारी को जन्म दे सकती है.
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपटोबिलिअरी साइंसेज के निदेशक डॉ. पंकज पुरी को बताया, ”सिरोसिस एक लिवर की बीमारी है जिसमें लिवर सख्त हो जाता है और उसके फंक्शन में खराबी आ जाती है. लिवर की समस्या से जूझ रहे 10 प्रतिशत लोग लिवर सिरोसिस के शिकार होते हैं. ऐसे में उनका लिवर खराब हो सकता है, पेट में पानी भर सकता है और खून की उल्टी तक हो सकती है.”
डॉ. पुरी ने बताया कि लिवर सिरोसिस ये जूझ रहे पांच प्रतिशत लोगों को आगे जाकर कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. लिवर की बीमारी के कई कारण हो सकते है,जिनमें हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, फैटी लिवर शामिल हैं. फैटी लिवर में लिवर में सूजन आ जाती है. शराब भी इसके मुख्य कारणों में से एक हो सकती है. इसके अलावा मेटाबोलिक सिंड्रोम भी इसके कारण हो सकते हैं.
इससे बचने के उपायों के बारे में डॉ. पुरी ने कहा, ”सबसे पहले तो हमें लिवर सिरोसिस की बीमारी होने से रोकना है. इसके लिए सबसे पहले वजन कम करने की जरूरत है. शराब से भी दूरी बनाने की जरूरत है.”
उन्होंने कहा, ”अगर आपके अंदर पहले से ही हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी के रिस्क फैक्टर हैं तो इस चीज पर विशेष तौर से ध्यान देने की जरूरत है.”
उन्होंने कहा कि ऐसे में स्वस्थ आहार लेने की जरूरत है. इसके साथ ही इसके रिस्क से बचने के लिए वर्कआउट को अपनी जीवनशैली में शामिल करना जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि लिवर ही शरीर का एक ऐसा अंग है, जो नुकसान की भरपाई कर सकता है. लिवर शरीर में कई तरह के काम करता है. मगर वर्तमान समय में बदलती जीवनशैली, खानपान और गलत आदतों से इसे नुकसान हो सकता है, इसलिए इसका विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है.
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एमकेएस/एकेजे