वजन घटाने की सर्जरी के दौरान मरने वाले युवक के पिता ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री से जांच में तेजी का आग्रह किया

चेन्नई, 27 अप्रैल . चेन्नई के एक निजी अस्पताल में वजन घटाने की सर्जरी के दौरान मरने वाले 24 वर्षीय युवक के पिता ने शनिवार को तमिलनाडू के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम से मामले की जांच में तेजी लाने का आग्रह किया.

मृतक के पिता दुरई सेल्वनाथन ने मा सुब्रमण्यम से मुलाकात की और उनसे जांच में तेजी लाने का अनुरोध किया. मंत्री ने राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं ग्रामीण सेवाओं के निदेशक को फोन किया और अधिकारी को मामले में तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देश दिया.

मा सुब्रमण्यम ने से बात करते हुए कहा, “स्वास्थ्य विभाग पहले से ही मामले की जांच कर रहा है. मृतक के पिता के मुझसे मिलने के बाद मैंने अधिकारियों को बुलाया है तथा उनसे जांच में तेजी लाने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.”

मंगलवार को सर्जरी के दौरान हेमचंद्रन की मौत के बाद राज्य सरकार ने गुरुवार को जांच के आदेश दिए थे. इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं ग्रामीण सेवा निदेशालय के तहत छह सदस्यीय टीम का गठन किया था.

पुडुचेरी के मूल निवासी हेमाचंद्रन (24) वजन घटाने की सर्जरी के लिए पम्मल के एक निजी अस्पताल में आया था.

परिवार ने तुरंत चिकित्सा लापरवाही का आरोप लगाते हुए शंकर नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने चिकित्सा और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की देखरेख में छह सदस्यीय समिति का गठन किया था.

दुरई ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को दी अपनी याचिका में कहा कि उनके बेटे ने डॉ. पेरिंगो से परामर्श किया और पेरिंगो ने उन्हें सर्जरी कराने के लिए राजी किया.

दुरई ने कहा कि डॉक्टर ने सर्जरी के लिए आठ लाख रुपये मांगे थे, लेकिन परिवार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में झिझक रहा था.

चूंकि उनका बेटा जिद कर रहा था, इसलिए परिवार सर्जरी कराने के लिए सहमत हो गया.

उन्होंने कहा, “हम सर्जरी के लिए बहुत उत्सुक नहीं थे, लेकिन डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ ने मेरे बेटे को मनाया और बताया कि डॉक्टर चेन्नई के पम्मल में जैन अस्पताल में भी बैठते हैं और वहां कम पैसों में सर्जरी की जा सकती है.”

दुरई ने कहा कि मार्च 2024 में उन्होंने पेरिंगो से परामर्श किया और 22 अप्रैल को सर्जरी की गई. सर्जरी के दौरान, हेमचंद्रन की स्थिति नाजुक हो गई और उसे जैन अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया.

हालांकि, स्थिति और बिगड़ने पर उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया जहां 23 अप्रैल को उसकी मृत्यु हो गई.

दुरई ने मंत्री से कहा कि उनके बेटे की मौत डॉक्टर की “लापरवाही” के कारण हुई और डॉक्टर तथा अस्पताल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए.

तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने को बताया कि संबंधित अस्पताल से रिपोर्ट मिलने के बाद वे कार्रवाई करेंगे.

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