नोएडा, 3 जनवरी . अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, किसान एकता संघ के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर एवं डीएम से मिला. अधिकारियों ने मुख्य सचिव स्तर पर शीघ्र मुलाकात कराए जाने का आश्वासन दिया. पुलिस कमिश्नर ने किसानों पर दर्ज केस को वापस करने पर तुरंत विचार करने का आश्वासन दिया. इस दौरान तीनों संगठनों से डॉ. रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा और सोरन प्रधान समेत 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा.
प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर से किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस करने एवं वादे के अनुसार 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट और नए कानून के मुद्दे पर मुख्य सचिव सचिव स्तर की वार्ता कराने की मांग की.
पुलिस कमिश्नर ने डीएम गौतमबुद्ध नगर की उपस्थिति में कहा कि मुकदमे वापस करने पर विचार किया जाएगा. डीएम ने कहा कि मुख्य सचिव के साथ जल्दी ही वार्ता कराई जाएगी. साथ ही एक वार्ता प्राधिकरण के तीनों मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ कराई जाएगी.
किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने अवगत कराया कि हमने उपस्थित अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किसानों का हक है. किसानों का दमन उत्पीड़न करने से समस्याएं हल होने वाली नहीं हैं. हम अपनी समस्याओं को लेकर गंभीर एवं संकल्पबद्ध हैं. कोई भी सरकार, डीएम अथवा कमिश्नर संविधान और कानून से ऊपर नहीं है. समस्या हल किए बिना धरना-प्रदर्शन से निजात नहीं पाई जा सकती.
किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि हमें पुलिस प्रशासन ने ही दलित प्रेरणा स्थल पर जगह आवंटित की थी. पुलिस प्रशासन ने 7 दिन में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता करने का आश्वासन दिया था. लेकिन, पुलिस प्रशासन अपने वादे से मुकरते हुए बिना किसी वजह के किसानों से जबरन बदसलूकी करते हुए धरना स्थल से गिरफ्तार कर संगीन धाराओं में आंदोलन को दमन करने एवं कुचलने के इरादे से जेल भेजा. यह स्पष्ट रूप से पुलिस प्रशासन का सत्ता के दुरुपयोग का मामला है.
किसान एकता संघ के सोरन प्रधान ने कहा कि अधिकारियों से पूरी तरह साफ और स्पष्ट रूप से बातचीत की गई है. बातचीत सकारात्मक रही है. अधिकारियों ने प्रथम चरण में तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों एवं डीएम के साथ बातचीत करने एवं उसके तुरंत बाद शीघ्र ही मुख्य सचिव स्तर पर बातचीत कराए जाने का ठोस आश्वासन दिया है.
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पीकेटी/एबीएम