गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से किसान भी खुशहाल, 22,029 अन्नदाताओं को 2,030.29 करोड़ का मुआवजा

गोरखपुर, 19 जून . गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की परिकल्पना को साकार करने वाले किसानों को खुशहाल बनाने में योगी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. इस परियोजना के लिए सरकार ने 22,029 किसानों को 2,030.29 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान मुआवजे के रूप में किया है.

यही नहीं जमीन देने वाले किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में खुद सम्मानित कर उनके योगदान की सराहना कर चुके हैं.

शुक्रवार को जब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण होगा तो एक बार फिर किसानों के योगदान की चर्चा होगी.

ढांचागत सुविधाओं का विकास हो या फिर औद्योगिकीकरण, जमीन सबसे पहली आवश्यकता है. इसके लिए किसान या भूमि स्वामी तभी अपनी जमीन देते हैं, जब उन्हें सरकार पर विश्वास होता है और सरकार उन्हें जमीन के बदले भरपूर मुआवजा देती है.

विकास कार्यों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारस्परिक विश्वास और मुआवजा देने के लिहाज से योगी सरकार बेमिसाल है. खुद मुख्यमंत्री का यह स्पष्ट मानना है कि किसान अन्नदाता होने के साथ विकास कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं. विकास कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता होती है, जिसके लिए सरकार किसानों पर निर्भर रहती है.

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का आज जो शानदार स्वरूप सामने आया है, वह किसानों द्वारा दी गई जमीनों से ही संभव हो पाया है. गोरखपुर से आजमगढ़ के बीच 91.35 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के लिए चार जिलों गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ के 172 गांवों के किसानों से 1,148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है.

किसानों को बेहद पारदर्शी प्रक्रिया के तहत डीबीटी के माध्यम से दो हजार करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा भुगतान किया गया है. वाकई इस परियोजना में किसानों ने खुले मन से सरकार का सहयोग किया. किसी गांव में कोई शिकायत आई भी तो उसका संतुष्टिपूर्ण समाधान खुली सुनवाई में किया गया.

किसानों के सहयोगी रवैये को सरकार ने हाथोंहाथ लिया और जनवरी 2020 में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के शुरुआती चरण में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में एक समारोह आयोजित कराकर जमीन देने वाले 500 किसानों को सम्मानित कराया था. इनमें से 40 किसानों को सीएम योगी ने खुद अपने हाथों से सम्मानित किया था.

एसके/एबीएम