पंजाब में 1 जून को मतदान, लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं किसान

चंडीगढ़, 16 मार्च . कृषि प्रधान पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होगा. राज्य में, जहाँ अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग की आबादी 55 फीसदी है, धर्म और किसानों तथा खेत मजदूरों के मुद्दे इस चतुष्कोणीय मुकाबले में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.

इन अटकलों के बीच कि एक समय के पारंपरिक गठबंधन सहयोगी – शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भाजपा – चुनाव से पहले हाथ मिला सकते हैं, राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) आत्मविश्वास से लबरेज है और बिना किसी गठबंधन के अकेले चुनाव लड़ रही है. विपक्ष के ‘इंडिया’ गुट ने पहली सूची में आठ उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पहले ही कर दी है.

कांग्रेस, जो 2022 के विधानसभा चुनावों में अपमानजनक हार का सामना करने के बाद अभी तक सदमे से बाहर नहीं आ पाई है, उसे वरिष्ठ नेताओं के बाहर होने के अलावा, राज्य इकाई के भीतर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने को बताया कि अगर अकाली दल और भाजपा के बीच कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं होता है, तो आप, भाजपा, शिअद और कांग्रेस के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला होगा.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा), और कट्टरपंथी शिरोमणि अकाली दल-अमृतसर (शिअद-अ) – जिसके सिमरनजीत सिंह मान संगरूर सीट से मौजूदा सांसद हैं – भी उम्मीदवार उतार सकते हैं.

बसपा ने अकाली दल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन का आरोप लगाते हुए उसके साथ अपना गठबंधन खत्म करने की घोषणा की है.

इस बीच, आप ने जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया है, वे सभी मौजूदा विधायक हैं, जिनमें ज्यादातर मंत्री हैं. दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में भी पार्टी ने ज्यादातर विधायकों को मैदान में उतारा है.

आम आदमी पार्टी ने पंजाब के जिन मंत्रियों को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है, उनमें अमृतसर से मौजूदा मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, बठिंडा से गुरुमीत सिंह खुड़िया, संगरूर से गुरुमीत सिंह मीत हेयर और पटियाला से डॉ. बलबीर सिंह शामिल हैं.

पिछले लोकसभा चुनावों में काँग्रेस ने आठ सीटें जीती थीं जबकि एनडीए – जिसमें भाजपा और शिअद शामिल थे – ने चार सीटें और आप ने एक सीट जीती थी.

राज्य की 13 सीटों में से चार अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं, जबकि बाकी सीटें अनारक्षित हैं.

भाजपा नेता और दो बार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपनी पार्टी के अकाली दल के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं, जो कभी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का लंबे समय तक साथी रहा था.

हाल ही में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी गठबंधन के पक्ष में हैं.

दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि इस मामले पर आलाकमान चर्चा करेगा.

उन्होंने दावा किया, ”अगर भाजपा और अकाली दल एक साथ आ जाएँ तो हमें कोई नहीं हरा सकता.”

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कानूनी प्रावधान सहित प्रदर्शनकारी किसानों की माँगों पर, अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ राज्य और किसानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की.

वर्ष 2022 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में, 117 सदस्यीय सदन में एसएडी विधायकों की संख्या 2017 की 15 सीटों से कम होकर तीन हो गई थी, जो अब तक सबसे कम है.

अमरिन्दर सिंह और जाखड़, दोनों पूर्व कांग्रेस नेता, प्रमुख विद्रोही हैं.

दो दशक से अधिक लंबे अपने संबंधों को तोड़ते हुए, अब निरस्त किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर तीव्र मतभेद उभरने के बाद, अकाली दल सितंबर 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो गया.

संकटग्रस्त अकाली दल को फिर से खड़ा करने और उसके नेताओं के पलायन को रोकने के लिए शिअद प्रमुख सुखबीर बादल, जो पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान ‘सुपर मुख्यमंत्री’ के रूप में जाने जाते थे, पूरी ताकत से जुटे हुए हैं.

उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल, जिनके पास मोदी के नेतृत्व वाली दोनों केंद्र सरकारों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का प्रभार था, संसद में राज्य-विशिष्ट मुद्दे उठा रही हैं.

पति-पत्नी की जोड़ी ने 2019 में संसदीय चुनाव जीता था.

चुनाव की घोषणा से ठीक पहले, वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटियाला से चार बार की सांसद परनीत कौर दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गईं. वह कैप्टन अमरिन्दर सिंह की पत्नी हैं.

कांग्रेस को एक और झटका देते हुए उसके मौजूदा विधायक राज कुमार चब्बेवाल शुक्रवार को आप में शामिल हो गए.

2019 के लोकसभा चुनाव में पंजाब में 65.96 प्रतिशत मतदान हुआ था.

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी. ने कहा कि पंजाब में कुल 2,12,71,246 मतदाता हैं, जिनमें 1,19,29,959 पुरुष; 1,07,75,543 महिलाएं; और 744 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. राज्य की 13 संसदीय सीटों के लिए कुल 24,433 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.

एकेजे/