एफएओ ने चीन की छह नई कृषि विरासत प्रणालियों को दी मान्यता

बीजिंग, 22 मई . संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने छह नई वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणालियों (जीआईएएचएस) को मान्यता प्रदान की.

इनमें चीन के चच्यांग प्रांत में तेछिंग मीठे पानी के मोती की मिश्रित प्रणाली, फ़ुच्येन प्रांत के फ़ुतिंग शहर में सफेद चाय संस्कृति प्रणाली और कानसु प्रांत के काओलान काउंटी में शिछ्वान प्राचीन नाशपाती उद्यान प्रणाली शामिल हैं. इस घोषणा के साथ, चीन की विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त कृषि विरासत प्रणालियों की संख्या 25 हो गई है, जो उसे इस क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाए रखती है.

एफएओ के अनुसार, चच्यांग प्रांत के तेछिंग में मीठे पानी के मोती की मिश्रित कृषि प्रणाली एक अनूठा उदाहरण है, जिसे “मछली-सीप सह-जीवन” मॉडल के रूप में जाना जाता है. इस प्राचीन प्रणाली में मोती उत्पादन के साथ-साथ चावल और रेशम का उत्पादन एकीकृत रूप से किया जाता है. यह प्रणाली टिकाऊ कृषि तकनीकों, जैसे मोती सीप प्रौद्योगिकी पर आधारित है, जो पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखते हुए ग्रामीण समुदायों की आजीविका को समृद्ध करती है.

वहीं, दक्षिणी चीन के फ़ुच्येन प्रांत में स्थित फ़ुतिंग शहर की सफेद चाय संस्कृति प्रणाली पारिस्थितिक ज्ञान और पारंपरिक शिल्प कौशल का शानदार संगम है. इस प्रणाली में प्रसिद्ध “ल्य्वीश्वेया” सफेद चाय ब्रांड के मातृ पौधों और प्राकृतिक मुरझाने की तकनीक का उपयोग किया जाता है. यह तकनीक चाय बागानों, जंगलों और अन्य फसलों के बीच जैविक सह-जीवन को बढ़ावा देती है.

उधर, कानसु प्रांत की राजधानी लानचो के काओलान काउंटी में स्थित शिछ्वान प्राचीन नाशपाती उद्यान प्रणाली एक और उल्लेखनीय उपलब्धि है. यह प्रणाली फल उत्पादन, अन्य फसलों की खेती और पशुपालन को एकीकृत करती है, जो सूखे और बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रति उल्लेखनीय लचीलापन दर्शाती है. यह प्रणाली कृषि जैव विविधता को बढ़ावा देने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण समुदायों की आजीविका में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह प्रणाली न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को प्रोत्साहित करती है, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक अवसर भी सृजित करती है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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