इंडी गठबंधन के सभी घटक दलों में परिवारवाद हावी : जयवीर सिंह

वाराणसी, 18 जून . भाजपा नेता व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आज परिवारवाद की राजनीति से ग्रसित है. जिस तरह एक बार नहीं, बल्कि तीन-तीन बार देश की जनता ने कांग्रेस का बहिष्कार किया है, उससे साफ है कि अब वह लंबे समय तक विपक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठ सकेगी.

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी वायनाड सीट से इस्तीफा देकर वहां से प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया है.

जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, जब कोई राजनेता एक साथ दो सीटों पर चुनाव जीत जाता है, तो उसे 14 दिनों के भीतर किसी एक सीट से इस्तीफा देना पड़ता है. इस चुनाव में राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड से चुनाव जीते हैं. ऐसे में राहुल गांधी ने सोमवार को वायनाड से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद यहां उपचुनाव होगा. कांग्रेस की ओर से यहां प्रियंका गांधी को उतारा गया है, जबकि बीजेपी की ओर से अभी तक किसी भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया है.

इस बारे में जब मंत्री जयवीर सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी भी यहां दमखम से चुनाव लड़कर जीत हासिल करेगी. इसके अलावा, जहां कहीं भी उपचुनाव होगा, हम वहां पर चुनाव लड़ेंगे.“

राजनीतिक गलियारों में प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड से चुनावी मैदान में उतारे जाने के बाद परिवारवाद की चर्चा अपने चरम पर पहुंच चुकी है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने इस सीट पर किसी और को ना उतारकर साबित कर दिया है कि पार्टी में परिवारवाद की राजनीति कितनी हावी है.

इस पर जब जयवीर सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “कांग्रेस ही नहीं, बल्कि इंडी गठबंधन के सभी घटक दल परिवारवाद की बीमारी से ग्रसित हैं.“

वहीं राहुल गांधी द्वारा ईवीएम को ब्लैक बॉक्स बताए जाने पर जयवीर सिंह ने कहा, “ईवीएम पर बहुत बहस हो चुकी है, लेकिन बीते दिनों जिस तरह से अमेरिका ने इसे लेकर अपने तर्क रखे, उस पर मैं एक बात कहना चाहता हूं कि अमेरिका और भारत में बहुत फर्क है. दोनों देशों में बनने वाले ईवीएम के उत्पादन शैली में जमीन आसमान का फर्क है. भारत के निर्वाचन आयोग सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि ईवीएम में कोई खराबी नहीं है. वहीं, राहुल गांधी अगर ईवीएम को ब्लैक बॉक्स कह रहे हैं, तो उन्हें रायबरेली से इस्तीफा दे देना चाहिए.“

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