Patna, 5 जुलाई . बिहार की राजधानी Patna में Friday देर रात हुई उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है. गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास गोपाल खेमका की गोली मार कर हत्या कर दी गई. घटनास्थल से गांधी मैदान थाना की दूरी महज 600 मीटर है. इसके बावजूद Police समय पर नहीं पहुंच सकी, जिस पर परिवार और स्थानीय लोगों ने गहरी नाराजगी जताई है.
BJP MP और पूर्व Union Minister रामकृपाल यादव ने खेमका परिवार से मुलाकात करने के बाद से बात करते हुए कहा कि जिसका परिवार का अभिभावक चला जाए, उसकी हालत समझी जा सकती है. 6 साल में पिता-पुत्र दोनों की हत्या होना सिर्फ दुर्भाग्य नहीं, बल्कि यह गंभीर चिंता का विषय है. गोपाल खेमका एक प्रतिष्ठित व्यवसायी और समाजसेवी थे. Government को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल कराना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि इतनी बड़ी वारदात शहर के बीचों-बीच होती है और Police समय पर नहीं पहुंचती है. प्रशासन को चेतना होगा और ऐसा कड़ा संदेश देना होगा कि भविष्य में कोई भी अपराधी इस तरह की दुस्साहसिक हरकत की हिम्मत न कर सके.
गोपाल खेमका के भाई शंकर खेमका ने बताया कि हमें नहीं लगता कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी. वह हर रोज सुबह 10 बजे ऑफिस जाते थे. वारदात की जानकारी मिलने के बाद भी Police निष्क्रिय रही, यह समझ से परे है. रात करीब डेढ़ बजे गांधी मैदान थाना की Police पहुंची और करीब 2 बजे टाउन डीएसपी, फिर ढाई बजे Patna सिटी एसपी आईं. हमने खुद Police को बताया कि कहां गोली चली है, कहां खोखा गिरा है. इसके बाद वे लोग ईंट से घेराबंदी करने लगे. ऐसा लग रहा था मानो वे तमाशा देखने आए हों.
घटनास्थल पर मौजूद बिल्डिंग के गार्ड राम पारस ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे गोपाल खेमका ने बिल्डिंग का गेट खोलने के लिए गाड़ी का हॉर्न बजाया. वह जैसे ही गेट खोलने पहुंचे, तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी. गेट खोलने के बाद देखा कि खेमका की मौत हो चुकी थी. हम कुछ समझ पाते इससे पहले ही सब कुछ हो गया. कोई दिखाई नहीं दिया.
फिलहाल एफएसएल की टीम मौके से सबूत इकट्ठा कर रही है. घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद किए गए हैं. cctv फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है. टाउन डीएसपी-2 प्रकाश ने बताया कि मामले की जांच जारी है. cctv फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और जो भी साक्ष्य मिल सकते हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है.
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पीएसके/केआर