गिरिडीह की घटना पर परिजनों का आरोप, निगम ने बच्चे की तलाश में बरती लापरवाही

गिरिडीह, 21 सितंबर . Jharkhand के गिरिडीह शहर में एक दर्दनाक हादसे में दो साल के मासूम की नाले में बह जाने से मौत हो गई. घटना के करीब 18 घंटे बाद Sunday दोपहर बच्चे का शव बरामद किया गया.

हादसे के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं स्थानीय लोगों का गुस्सा नगर निगम और जिला प्रशासन पर फूट पड़ा.

Saturday शाम बारिश के दौरान बच्चा शहर में गांधी चौक स्थित घर के पास खेल रहा था तभी फिसलकर नाले में गिर पड़ा. नाले का बहाव इतना तेज था कि मासूम का तत्काल कुछ पता नहीं चल पाया.

घटना की खबर फैलते ही गांधी चौक पर अफरा-तफरी मच गई. सूचना पाकर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और खोजबीन शुरू की.

बचाव दल देर रात डेढ़ बजे तक सर्च ऑपरेशन चलाता रहा लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. रात में अभियान रोकना पड़ा, जिससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया. Sunday सुबह स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक सुस्ती के खिलाफ सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया.

सबसे ज्यादा नाराजगी नगर निगम के प्रति दिखाई दी. प्रदर्शनकारियों ने निगम की कार्यशैली को लापरवाही बताते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग उठाई. मौके पर पहुंचे लोगों ने आरोप लगाया कि गरीब का बच्चा नाले में गिरा था इसलिए प्रशासन ने इतनी देर लगाई. अगर किसी बड़े नेता या नामदार का बच्चा होता तो क्या इतनी सुस्ती दिखाई जाती?

लोगों के गुस्से को शांत कराने के लिए एसडीएम श्रीकांत विस्पुते, डीएसपी मुख्यालय नीरज कुमार सिंह, एसडीपीओ सदर जीतवाहन उरांव, बीडीओ गणेश रजक और थाना प्रभारी ज्ञान रंजन मौके पर पहुंचे.

एसडीएम ने लोगों के बीच बैठकर उन्हें समझाने का प्रयास किया. इससे पहले मृतक बच्चे की मां ने अधिकारियों से गुहार लगाई थी कि खोज अभियान तेज किया जाए. काफी दबाव और नाराजगी के बीच प्रशासन ने फिर से सर्च अभियान शुरू किया. कई घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार Sunday को बच्चे का शव बरामद किया गया.

एसएनसी/एबीएम