विदेश मंत्री जयशंकर ने रियाद में खाड़ी परिषद के सदस्यों के साथ प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर की चर्चा

रियाद, 9 सितंबर . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को सऊदी अरब के रियाद में प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की.

विदेश मंत्री ने दिन की शुरुआत कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी के साथ जीसीसी महा सचिवालय के मुख्यालय में बातचीत करके की.

कतर के नेता के साथ मुलाकात के बाद जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, “भारत-कतर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की. क्षेत्रीय विकास पर उनकी अंतर्दृष्टि और आकलन की सराहना की.”

भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक और मित्रतापूर्ण संबंध हैं, जो हाई लेवल यात्राओं के नियमित आदान-प्रदान से चिह्नित हैं. जून में, विदेश मंत्री जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने और दोनों देशों के बीच आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दोहा की यात्रा की.

इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14-15 फरवरी को कतर का दौरा किया था और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ चर्चा की थी.

उसी महीने गोवा में आयोजित भारत ऊर्जा सप्ताह के दौरान दोनों देशों ने कतर से भारत को 2028 से 20 साल के लिए 7.5 एमएमटीपीए एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

विदेश मंत्री जयशंकर की अगली मीटिंग सोमवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ हुई. इसमें देश के राजनीतिक मामलों के उप मंत्री राजदूत सऊद अल-सती और अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय मामलों के उप मंत्री राजदूत अब्दुल रहमान अल-रसी भी शामिल हुए.

मीटिंग के बाद सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “बैठक के दौरान, उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और विभिन्न क्षेत्रों में उन्हें विकसित करने के तरीकों की समीक्षा की. उन्होंने आम हित के कई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समन्वय बढ़ाने पर भी चर्चा की.”

मीटिंग में बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्ला आतिफ बिन राशिद अल ज़ायोनी के साथ दोनों पक्षों ने अपने संयुक्त आयोग की जल्द चर्चा पर सहमति व्यक्त की.

मीटिंग में बहरीन के कानूनी मामलों के प्रमुख और जीसीसी मामलों के क्षेत्र के कार्यवाहक प्रमुख, राजदूत मोहम्मद अब्दुल रहमान अल-हैदान और मंत्री के साथ आए प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया.

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