मधुबनी, 26 नवंबर . संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार को भारतीय संविधान का संस्कृत व मैथिली भाषा में विमोचन किया गया. सरकार के इस कदम पर लोगों ने खुशी जताई और कहा कि इससे इन दोनों भाषाओं का विकास होगा और इन भाषाओं को बोलने व समझने वाले लोग संविधान का अध्ययन कर उसे आत्मसात कर पाएंगे.
गौरतलब है कि संविधान दिवस 26 नवंबर को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूूूूदगी में भारतीय संविधान का संस्कृत व मैथिली भाषा में विमोचन किया. संविधान का मैथिली भाषा में विमोचन करने के पर मिथिलांचलवासी काफी प्रफुल्लित एवं गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के बाद आज भारत की राष्ट्रपति द्वारा इसका मैथिली भाषा में विमोचन किया गया, यह हमारे लिए बहुत गर्व व खुशी की बात है. मधुबनी के प्रोफेसर डाॅ. आशुतोष सिन्हा व प्रोफेसर डा. कनकाब मिश्रा ने कहा कि सरकार के इस पहल से क्षेत्रीयता को बढ़ावा मिलेगा. अब मैथिली बोलने व समझने वाले लोग संविधान का अध्ययन कर सकेंगे और इसे समझ सकेंगे. इससे उनकी संविधान की समझ बढ़ेगी. वे देश की प्रगति में और अधिक प्रभावी ढ़ग से भूमिका अदा कर सकेंगे. सरकार का यह प्रयास बहुत सराहनीय है. मैथिली भाषा के लोग इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हैं. इससे सरकार की क्षेत्रीय भाषाओं को आगे बढ़ाने की मंशा का पता चलता है.
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