नई दिल्ली, 22 नवंबर . एयरक्राफ्ट, स्पेसक्राफ्ट के पार्ट्स और शिप, बोट्स और फ्लोटिंग स्ट्रक्चरर्स का निर्यात बढ़ने के कारण भारत का इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात अक्टूबर 2024 में 10 अरब डॉलर को पार कर गया है.
इस साल अक्टूबर में 11.19 अरब डॉलर के इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात किया गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 8.08 अरब डॉलर था. इसमें 38.53 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया कि कुल व्यापारिक निर्यात में इंजीनियरिंग गुड्स की हिस्सेदारी अक्टूबर 2024 में 28.72 प्रतिशत और संचयी आधार पर 26.75 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान संचयी इंजीनियरिंग गुड्स निर्यात 66.59 अरब डॉलर रहा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.27 प्रतिशत अधिक है.
समीक्षा अवधि में उत्तरी अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (ईयू) भारत के इंजीनियरिंग गुड्स के लिए सबसे बड़े बाजार रहे हैं. इनका हिस्सेदारी क्रमश: 21 प्रतिशत और 17 प्रतिशत है.
इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में बीते महीने सबसे अधिक वृद्धि आसियान (137 प्रतिशत) में दर्ज की गई है. इसके बाद पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (57 प्रतिशत), और यूरोपीय संघ (41 प्रतिशत) का स्थान रहा.
अक्टूबर 2024 में 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 33 में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि देखी गई. इस अवधि में केवल ऑफिस उपकरणों के निर्यात में मात्र 1 प्रतिशत की गिरावट आई.
वित्त वर्ष 25 के अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में संचयी आधार पर 34 इंजीनियरिंग पैनलों में से 27 में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि देखी गई. सात इंजीनियरिंग पैनल में गिरावट देखी गई है. इसमें आयरन और स्टील, कॉपर, एल्यूमीनियम और जिंक उत्पाद, और ऑफिस उपकरण शामिल है.
ईईपीसी चेयरमैन, पंकज चड्ढा ने कहा कि बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और बदलती व्यापार नीतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर में भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात ने लगातार छठे महीने एक और मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया.
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एबीएस/