भारत को लगातार पांचवें फ़ाइनल में पहुंचाने वाली चौकड़ी से होंगी उम्मीदें

बेनोनी, 10 फरवरी रविवार को अंडर 19 विश्व कप का फ़ाइनल खेला जाएगा. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप, एकदिवसीय विश्व कप के बाद पिछले आठ महीनों में यह तीसरा मौक़ा होगा जब ख़िताबी जंग भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगी.

भारत अंडर 19 विश्व कप में लगातार पांचवीं बार फ़ाइनल में पहुंचा है, ऐसे में दक्षिण अफ़्रीका में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम की उस चौकड़ी का रुख़ करते हैं, जिनके प्रदर्शन की बदौलत भारत ने इतनी दूर तक का सफ़र तय किया. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ फ़ाइनल मुक़ाबले में भी इन खिलाड़ियों पर सबकी नज़रें होंगी.

उदय सहारन:

उदय सहारन इस विश्व कप में भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. टीम का नेतृत्व करने के साथ साथ उन्होंने अपने निजी प्रदर्शन से भी काफ़ी प्रभावित किया है. सहारन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ इस विश्व कप के पहले मैच में ही अर्धशतक लगाया था. पहले मैच में उनके और आदर्श सिंह के बीच शतकीय साझेदारी की बदौलत ही भारत ने बंगलदेश के ख़िलाफ़ एक सम्मानजनक टोटल खड़ा किया था. पहले मैच में बांग्लादेश को पटखनी देने के बाद भारत ने इस टूर्नामेंट में एक भी बार हार का स्वाद नहीं चखा.

सहारन इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं. उन्होंने अब तक छह पारियों में 64.83 की औसत से 389 रन बनाए हैं. जिसमें सुपर सिक्स के अंतिम मैच में नेपाल के ख़िलाफ़ उनका शतक भी शामिल है. इस मैच में सचिन धस के साथ मिलकर सहारन ने चौथे विकेट के लिए 215 रन जोड़े थे. यह युवा वनडे अंतर्राष्ट्रीय के इतिहास में चौथे या उससे नीचे के विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी भी थी. इसके अलावा दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में भी उन्होंने 81 रन की पारी खेली थी, जिसके चलते एक असंभव से प्रतीत होने वाली जीत संभव हो पाई थी.

सचिन धस:

सचिन धस मौजूदा अंडर 19 विश्व कप में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में तीसरे नंबर पर ज़रूर हैं, लेकिन अगर सेमीफ़ाइनल में धस की अर्धशतकीय पारी नहीं होती तो अंडर 19 विश्व कप इतिहास में नौवीं बार फ़ाइनल खेलने से भारत वंचित भी रह सकता था. विश्व कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भले ही भारत के कप्तान हैं लेकिन धस के साथ उनकी जोड़ी लगातार दो मैचों से भारत के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाते नज़र आई है.

सुपर सिक्स में नेपाल के ख़िलाफ़ सहारन के अलावा धस ने भी शतक लगाया था, जबकि सेमीफ़ाइनल में भी दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ वह भारत की ओर से सर्वाधिक रन (96) बनाने वाले बल्लेबाज़ थे. इन दोनों ही मैचों में धस और सहारन ने मिलकर भारत को संकट से उबारा था. नेपाल के ख़िलाफ़ चौथे या उससे नीचे के विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी करने के बाद सेमीफ़ाइनल में दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 171 रन की साझेदारी की जो कि अंडर 19 विश्व कप इतिहास में पांचवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी भी है. धस ने इस टूर्नामेंट में 73.50 की औसत से 294 रन बनाए हैं.

मुशीर ख़ान:

इस विश्व कप में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दो विकेट चटकाने के बाद भी मुशीर ख़ान की पहचान अपने बड़े भाई सरफ़राज़ ख़ान के नाम से जुड़ी हुई थी. लेकिन आयरलैंड के ख़िलाफ़ अगले ही मैच में मुशीर ने शतक जड़कर ख़ुद की अलग पहचान बना ली. मुशीर के शतक की बदौलत भारत ने 200 से अधिक के अंतर से आयरलैंड को पटखनी दी थी. हालांकि मुशीर का सफ़र यहीं समाप्त नहीं हुआ. मुशीर ने पहले राउंड के अंतिम मैच में 73 रन की पारी खेलकर भारत को सुपर सिक्स में एंट्री दिलाई थी. इसी मैच में अर्शीन कुलकर्णी ने भी शतक जड़ा था और एक बार फिर भारत ने 200 से अधिक रनों के अंतर से जीत दर्ज की.

सुपर सिक्स में पहुंचते ही मुशीर के बल्ले से एक और शतक आया और इस मैच में उन्होंने बल्ले के साथ साथ गेंद से भी कमाल दिखाया. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मुशीर ने 131 रन ठोके जबकि उनके दो बल्लेबाज़ों को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया. तीन पारियों में मुशीर का यह दूसरा शतक था और इस विश्व कप में भारतीय टीम की 200 रनों से अधिक के अंतर से लगातार तीसरी जीत भी थी. मुशीर ने इस विश्व कप में अब तक 67.60 की औसत से 338 रन बनाए हैं और वह दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी हैं.

सौम्य पांडे:

यह तो हो गई बल्लेबाज़ों की बात. भारत के लिए फ़ाइनल का सफ़र इतना आसान नहीं रह पाता अगर इसमें सौम्य पांडे का प्रदर्शन नहीं होते.सौम्य बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले मैच में ही भारत की जीत के हीरो रहे थे. बाएं हाथ के इस स्पिनर ने पहले मैच में चार विकेट चटकाए थे और उसके साथ ही उन्होंने इस विश्व कप में अब तक तीन बार चार विकेट लिए हैं. न्यूज़ीलैंड और नेपाल के ख़िलाफ़ चार विकेट निकालने के साथ ही इस विश्व कप में सौम्य के खाते में कुल 17 विकेट हैं.

सौम्य ने अपनी फिरकी के जाल में विपक्षी बल्लेबाज़ों को फंसाया तो है ही इसके साथ ही वह इस विश्व कप में भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं. वह इस विश्व कप में तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने गेंदबाज़ हैं. विकेट चटकाने के साथ सौम्य काफ़ी कंजूस भी साबित हुए हैं और इस विश्व कप में कम से कम दो मैच खेलने वाले गेंदबाज़ों में उनकी 2.45 की इकोनॉमी सर्वश्रेष्ठ है.

हालांकि इस चौकड़ी के अलावा बाएं हाथ के एक अन्य गेंदबाज़ नमन तिवारी, राज लिंबानी, आदर्श सिंह और अर्शीन कुलकर्णी भी हैं, जिन्होंने ज़रूरत पड़ने पर भारतीय टीम के लिए योगदान दिया है.

आरआर/