‘सब वोट लेने आ जाएंगे, लेकिन…’, किराड़ी में भारी बारिश से लोग बेहाल, प्रशासन के खिलाफ जताई नाराजगी

नई दिल्ली, 29 अगस्त . दिल्ली के किराड़ी इलाके में चौतरफा पानी नजर आ रहा है. जहां नजर जा रही है, वहां महज पानी ही पानी दिख रहा है. आलम यह है कि आम लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है. किसी को पैदल चलने में दुश्वारियां हो रही हैं, तो किसी को गाड़ी चलाने में तो किसी को अन्य आवागमन के साधनों का इस्तेमाल करने में.

हालांकि, यह मंजर यहां एक यो दो बार नहीं, बल्कि जब कभी-भी बारिश होती है, तो यहां के स्थानीय लोगों की जिंदगी बेहाल हो जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वो कई दफा इस संबंध में प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अफसोस उनकी शिकायत महज कागजों में दर्ज है. आज तक उसका जमीन पर कोई असर नहीं दिखा, जिसका नतीजा है कि यह लोग बदस्तूर बेहाली में जीने को मजबूर हैं. इस बारिश ने ऐसी आफत मचाई है कि अगर कहीं किसी से कोई चूक हुई तो यह किसी भी दुर्घटना का सबब बन सकती है. इस संबंध में ने वहां के स्थानीय लोगों से विस्तारपूर्वक बात की.

यहां के स्थानीय निवासी बाबू लाल बताते हैं, “मैं यहां पिछले 20 सालों से रह रहा हूं, लेकिन पहले यहां कभी-भी जलभराव की समस्या नहीं होती थी. जलभराव की समस्या पिछले 3 सालों से देखने को मिल रही है. जिससे आम लोगों को खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. भारी बारिश की वजह से हमारे घरों में पानी भर जाता है, जिसे बाहर निकालते हैं. पानी बिना निकाले हम घर में रह भी नहीं सकते हैं.”

वे आगे बताते हैं, “जलभराव की वजह से हम लोगों को कई तरह का खतरा रहता है. हमें करंट भी लग सकता है. हमारा मकान भी जमींदोज हो सकता है, लेकिन हमारी मजबूरी है कि हम जाएं तो जाएं कहां? हम कई बार इस शिकायत को लेकर प्रशासन के पास भी जा चुके हैं, लेकिन आज तक हमारी किसी भी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हालांकि, जब हम उनके पास जाते हैं, तो वो बड़ी-बड़ी बातें करेंगे कि हम यह कर देंगे, वो कर देंगे, लेकिन उनके दावे खोखले ही साबित होते हैं. अफसोस आज तक यहां की मौजूदा स्थिति को सुधारने की दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया, जिसका नतीजा है कि हम आज बदहाली में जीने को मजबूर हैं.”

उधर, एक अन्य स्थानीय निवासी नसीम बताते हैं, “मैं यहां 20 सालों से रह रहा हूं और जब कभी भी यहां भारी बारिश की वजह से करंट की स्थिति पैदा होती है, तो बहुत लोग इसकी जद में आकर अपनी जान गंवा देते हैं, लेकिन अफसोस कई दफा हम प्रशासन को इस संबंध में शिकायत दे चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. कई लोगों के हाथ पैर भी टूट गए.”

वे अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहते हैं कि सभी लोग यहां पर वोट लेने आ जाते हैं, लेकिन आज तक किसी ने हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया.

एसएचके/जीकेटी