लखनऊ, 25 फरवरी . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का जवाब देते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के किसी भी गरीब के लिए उपचार कराना कठिन नहीं रहा है. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रदेश में 10 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा रहा है. वहीं सरकारी कर्मचारियों का पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस स्वास्थ्य योजना के तहत निःशुल्क स्वास्थ्य की सेवा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पिछले आठ वर्षों में हर जरूरतमंद को इलाज के लिए बिना किसी भेदभाव के धनराशि उपलब्ध कराई गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के समय में केवल पार्टी से जुड़े लोगों को ही इलाज के लिए पैसा दिया जाता था. उस दौरान हर कार्य को समाजवादी नाम दिया जाता था, जबकि पैसा सरकारी होता था. यही हाल मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के पैसे का भी हो गया था, लेकिन अब समाजवादी सरकार नहीं है. आज हमारी सरकार संवेदनशील तरीके से बिना किसी भेदभाव के प्रदेशवासियों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है. वहीं सरकार इलाज के दौरान अतिरिक्त धनराशि की मांग को भी पूरा कर रही है, क्योंकि कोई भी मानव क्षति परिवार के साथ समाज और प्रदेश की भी क्षति होती है. हम इस भाव के साथ काम कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि प्रदेश में आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक केवल 17 मेडिकल कॉलेज सरकारी क्षेत्र में थे, जबकि आज हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण की कार्रवाई तेजी से चल रही है. इन मेडिकल कॉलेजों में अच्छे प्रोफेसर लगातार तैनात किए जा रहे हैं. इसके लिए जिलाधिकारियों को अपने स्तर से भी अच्छे डॉक्टर्स को जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं. मेडिकल कॉलेज में अच्छी फैकल्टी और सुपर स्पेशलिटी के ब्लॉक बनाने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं. इसके अलावा हर रविवार को हर पीएचसी स्तर पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का भी आयोजन किया जा रहा है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. आज प्रदेश के हर जिले में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है.
सीएम योगी ने कहा कि हर जिले में ब्लड बैंक के जरिए जांच की सुविधा हर प्रदेशवासी को उपलब्ध कराई जा रही है. मेडिकल कॉलेज के साथ पैरामेडिकल और नर्सिंग की पढ़ाई के लिए लगातार काम किया जा रहा है. सरकार ने एसजीपीजीआई में नए आठ विभाग का गठन किया है, जिसमें प्रदेश और देश में जो सुविधाएं नहीं थीं, उनका इलाज भी एसजीपीजीआई में किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि 1,200 बेड वाले एसजीपीजीआई में आज 2,200 बेड का संचालन हो रहा है. पूरे उत्तर भारत में अच्छे संस्थान के रूप में एसजीपीजीआई काम कर रहा है.
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एसके/एएस