एआई और टेक्नोलॉजी के बाद भी वर्कफोर्स की जरूरत हमेशा बनी रहेगी : मनसुख मांडविया

New Delhi, 22 जुलाई . केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने Tuesday को मानवीय कौशल और तकनीकी क्षमताओं के बीच पूरक संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एआई और टेक्नोलॉजी के उद्भव के बाद भी वर्कफोर्स या मानवशक्ति की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी, क्योंकि टेक्नोलॉजी का संचालन केवल मनुष्यों द्वारा ही किया जाएगा.

Union Minister मांडविया ने New Delhi में आयोजित तीसरे ग्लोबल इंडस्ट्रियल रिलेशन्स समिट में कहा कि उद्योगों को समय के साथ बदलाव लाने और नए विकास को अपनाने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि Government आर्थिक विकास के साथ-साथ नए रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपना रही है.

उन्होंने social media प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर लिखा, “तीसरे ग्लोबल इंडस्ट्रियल रिलेशन्स समिट का उद्घाटन किया, जो ‘काम के भविष्य को आकार देना’ विषय पर एक सामयिक संवाद था.”

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि समिट में एक मजबूत त्रिपक्षीय संस्कृति को बढ़ावा देने के बारे में बात की, जहां Government, नियोक्ता और कर्मचारी मिलकर एक न्यायसंगत, समावेशी और फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स के लिए समाधान तैयार करें.

Union Minister ने पोस्ट में कहा कि India एक ऐसे वर्कफोर्स का निर्माण कर रहा है जो कुशल, संरक्षित और उत्पादक है.

उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं की सभा को संबोधित करते हुए Union Minister ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी, जनशक्ति या वर्कफोर्स का स्थान नहीं ले सकतीं. टेक्नोलॉजी या एआई के कारण वर्कफोर्स या नौकरियों को कोई खतरा नहीं है.”

नई रोजगार-आधारित प्रोत्साहन योजना पर Union Minister ने कहा कि Government ने नए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए यह योजना शुरू की है.

उन्होंने आगे कहा, “यह एक दीर्घकालिक योजना है और India को वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए अपने स्वयं के मानक स्थापित करने होंगे.”

इस महीने की शुरुआत में ही Prime Minister Narendra Modi की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष जोर देते हुए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी थी.

योजना के तहत, जहां पहली बार रोजगार करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन 15,000 रुपए तक मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोजगार पैदा करने के लिए दो साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दो साल के लिए विस्तारित लाभ दिया जाएगा.

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