पंचायत चुनाव से पहले यूपी भाजपा में जातीय गोलबंदी तेज

Lucknow, 16 अगस्त . पंचायत चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में जातीय गोलबंदी का दौर तेज हो गया है. विभिन्न जातियां अपनी ताकत दिखाकर पार्टी में दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं. पहले 40 क्षत्रिय विधायक बड़े होटल में जुटे, इसके बाद एक अन्य होटल में हुई बैठक में क्षत्रिय समुदाय के नेताओं ने शक्ति प्रदर्शन किया. इसी क्रम में सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले कुर्मी समाज की सभा हुई, जिसमें बड़ी संख्या में मंत्री और विधायक मौजूद रहे.

आज लोधी समाज अवंतीबाई के नाम पर आंवला (रुहेलखंड) में अपनी ताकत दिखा रहा है, जहां इस समाज से जुड़े तमाम मंत्री और विधायक मंच साझा कर रहे हैं. Political जानकार बताते हैं कि दरअसल Monday को राजधानी के एक होटल में विधानसभा सत्र के बाद भाजपा के करीब 40 विधायक पहुंचे थे. वहां पर कुटुंब परिवार का बैनर भी लगा था. इस पर कार्यक्रम के आयोजक के तौर पर कुंदरकी के विधायक ठाकुर रामवीर सिंह और एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त का नाम लिखा था. सूत्रों का कहना है कि बैठक में अधिकांश विधायक क्षत्रिय थे. कुछ बागी दो-चार विधायक ही दूसरी जाति के थे.

इसके बाद राज्य Government के मंत्री जयवीर सिंह के बुलावे पर दूसरी बैठक आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रीय समुदाय से जुड़े विधायक मौजूद रहे. लगातार दो दिनों तक चली इन बैठकों ने भाजपा के भीतर और बाहर Political अटकलों को हवा दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, ठाकुर विधायकों ने इन बैठकों के जरिए अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया और संगठन व Government में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने की रणनीति पर मंथन किया. तीसरी मीटिंग सरदार पटेल बौद्धिक विचार मंच के बैनर तले एक स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कुर्मी समाज के कई मंत्री और विधायकों ने एक बड़े होटल में शिरकत की है.

Political हलकों में इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि इस बैठक को लेकर भाजपा के एमएलसी अवनीश पटेल का कहना है कि यह मीटिंग रेगुलर होती है. इसमें सामाजिक उत्थान की बात होती है. इसमें विधायक, मंत्री के अलावा कई सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हुए हैं. लोध समाज भी अपनी ताकत दिखाने के लिए रानी अवंतीबाई की जयंती के बहाने बरेली के आवंला में एकत्रित हो रहा है. वीरांगना रानी अवंतीबाई बाई लोधी की जयंती पर आज आंवला में उनकी प्रतिमा का अनावरण Madhya Pradesh की पूर्व Chief Minister उमा भारती ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री धर्मपाल सिंह ने की.

इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्र Government के मंत्री बीएल वर्मा, प्रदेश Government के मंत्री संदीप सिंह, राज्यमंत्री जेपीएस राठौर, उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज, शाहजहांपुर की महापौर अर्चना वर्मा, स्वामी प्रवक्तानंद, पूर्व सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भइया, एटा विधायक विपिन कुमार, सांसद मुकेश राजपूत समेत अनेक लोग जुटे हैं.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने क्षत्रिय समुदाय की बैठक को लेकर निशाना साधा और कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के भीतर पीडीए समुदाय से जुड़े नेता घुटन महसूस कर रहे हैं और उन्हें पार्टी में कोई स्पष्ट Political भविष्य नहीं दिख रहा है. उन्होंने दावा किया कि साल 2027 में ये सभी नेता पीडीए के साथ होंगे. इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भाजपा पर निशाना साधा.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जातीय आधार पर न बंटने का नाटक करती थी, लेकिन अब असलियत सामने आ गई है. Government में सिर्फ एक वर्ग का बोलबाला है और बाकी समूह उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. सपा प्रवक्ता अशोक यादव का कहना है कि जातिवार बैठकों से यह साफ है कि भाजपा के विधायक उपेक्षित हैं. उनकी सुनवाई नहीं हो रही. अधिकारी भी उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे. आने वाले समय में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा.

कई दशकों से यूपी की राजनीति को कवर करने वाले राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि भाजपा के भीतर जातीय गोलबंदी संगठन और Government पर दबाव बनाने की रणनीति है. उन्होंने कहा कि Government और संगठन में जातीय प्रतिनिधित्व संतुलित दिखता है, लेकिन अगर भाजपा पर ‘अपरकास्ट पार्टी’ की छवि बनी तो पंचायत से लेकर विधानसभा तक नुकसान हो सकता है. पीडीए के एजेंडे को काटने के लिए भाजपा को ठोस रणनीति बनानी होगी, वरना इन बैठकों के दुष्परिणाम आगे दिख सकते हैं.

विकेटी/एएस