नई दिल्ली, 31 दिसंबर . चूहों पर किए गए एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन में सोमवार को सामने आया कि एस्ट्रोजन का बढ़ा स्तर महिलाओं को शराब का आदी बना सकता है.
वेइल कॉर्नेल मेडिसिन के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन के अनुसार, महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन महिलाओं के शराब सेवन की प्रवृत्ति को कंट्रोल करता है.
नेचर कम्युनिकेशन्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में खुलासा हुआ है कि एस्ट्रोजन का उच्च स्तार महिलाओं में अत्यधिक शराब की प्रवृत्ति बढ़ाता है और ये खोज उनके बर्ताव को समझने में मदद कर सकता है.
विश्वविद्यालय में फार्माकोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक डॉ. क्रिस्टन प्लील ने कहा, “महिलाओं में शराब पीने के व्यवहार के पीछे क्या कारण है, इसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं, क्योंकि शराब के सेवन के अधिकांश अध्ययन पुरुषों पर किए गए हैं.”
फिर भी हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में शराब का अधिक सेवन किया है. प्लील ने कहा कि इस अत्यधिक सेवन के कारण वे पुरुषों की तुलना में शराब के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं.
विशेषज्ञ ने कहा, “कई अध्ययनों से पता चलता है कि शराब पीने की आदत शराब के हानिकारक प्रभावों को बढ़ाती है.” उन्होंने कहा कि इन निष्कर्षों से महिलाओं में शराब सेवन विकार के उपचार के लिए नए तरीके खोजे जा सकते हैं.
टीम ने एस्ट्रोजन की संभावित भागीदारी का आकलन करने के लिए, सबसे पहले मादा चूहों के ओस्ट्रस चक्र (महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के समान) के दौरान हार्मोन के स्तर की निगरानी की और फिर उन्हें शराब दी.
नतीजों से पता चला कि महिलाओं में सर्कुलेटिंग (परिसंचारी) एस्ट्रोजन का उच्च स्तर उन्हें उन दिनों की तुलना में बहुत अधिक शराब पीने के लिए प्रेरित करता है, जब उनका एस्ट्रोजन कम होता है.
डॉ. क्रिस्टन प्लील ने बताया, “जब एक फीमेल शराब की बोतल से पहला घूंट लेती है, तो उसके न्यूरॉन्स बेकाबू हो जाते हैं. अगर वह उच्च-एस्ट्रोजन अवस्था में हो, तो वे और भी ज्यादा बेकाबू हो जाते हैं.” उन्होंने अध्ययन के आधार पर बताया कि अतिरिक्त न्यूरल गतिविधि का असर चूहों पर दिखा. स्पष्ट हुआ कि जब एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ा तो उन्होंने शराब का अधिक सेवन किया. खासतौर पर शराब शुरुआती 30 मिनट के भीतर यह प्रवृत्ति स्पष्ट दिखी.
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एफजेड/केआर