महाकुंभ-2025 में ‘नेत्र कुंभ’ की स्थापना, 9.15 करोड़ का बजट

लखनऊ, 13 अक्टूबर . महाकुंभ-2025 को भव्य, दिव्य, सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए योगी सरकार दिन-रात काम कर रही है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा जाएगाा. इसी को देखते हुए मेला प्रशासन महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं एवं स्नानार्थियों के लिए ‘नेत्र कुंभ’ की स्थापना कर रहा है.

9 करोड़ से अधिक धनराशि से स्थापित होने वाला यह ‘नेत्र कुंभ’ (नेत्र शिविर) श्रद्धालुओं को एक अस्थायी नेत्र देखभाल सुविधा प्रदान करेगा, जहां मेले के दौरान श्रद्धालुओं की दृष्टि सुधार, मोतियाबिंद सर्जरी और चश्मे का वितरण जैसी सेवाएं प्रदान की जाएगी. ‘नेत्र कुंभ’ के लिए एक बड़ी केंद्रीय इकाई मुख्य मेला क्षेत्र में स्थापित की जाएगी, जो प्राथमिक नेत्र देखभाल केंद्र के रूप में कार्य करेगी.

महाकुंभ 2025 में रिकॉर्ड संख्या में पूरे देश और दुनिया से श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. योगी सरकार और मेला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए अपनी ओर से शत-प्रतिशत प्रयास कर रहा है. ‘नेत्र कुंभ’ की स्थापना उसी दिशा में उठाया गया कदम है.

इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 9.15 करोड़ रुपए से अधिक का बजट प्रस्तावित किया गया है. इसके माध्यम से महाकुंभ के दौरान स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की नेत्र देखभाल सुरक्षित की जा सकेगी. यदि किसी श्रद्धालु को मोतियाबिंद सर्जरी की आवश्यकता होगी तो उसका भी प्रबंध किया जाएगा. वहीं, नेत्र चेकअप के साथ ही चश्मे का वितरण भी सुनिश्चित किया जाएगा. हजारों श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल सकेगा.

यह ‘नेत्र कुंभ’ पूरी तरह श्रद्धालुओं की पहुंच में होंगे. तीर्थयात्रियों की आसान पहुंच के लिए इसे रणनीतिक रूप से कुंभ मेला परिसर के अंदर ही स्थापित किया जाएगा. इस ‘नेत्र कुंभ’ में तीर्थयात्रियों और संतों की व्यापक स्तर पर आंखों की जांच सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए शिविर में नेत्र परीक्षण के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरणों को लगाया जाएगा.

जांच के दौरान दृष्टि दोष वाले व्यक्तियों को चश्मा वितरित किया जाएगा, जबकि जिन मामलों में अधिक गंभीर समस्या पाई जाएगी, वहां भागीदार अस्पतालों में मोतियाबिंद सर्जरी और अन्य आवश्यक उपचार की व्यवस्था की जाएगी. नेत्र देखभाल सेवाओं के साथ-साथ पहल का उद्देश्य लोगों को नेत्र स्वास्थ्य और नियमित जांच के महत्व को समझाना और उन्हें शिक्षित करना है.

कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की जांच के माध्यम से एकत्र किए गए नेत्र स्वास्थ्य डाटा को डिजिटली सेव किया जाएगा. इससे रोगियों की स्थिति पर नजर रखने और आवश्यकता पड़ने पर इसका फॉलोअप किया जा सकेगा और आवश्यक देखभाल प्रदान करने में मदद मिलेगी.

इस सुविधा का लाभ लेने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा. यहां पर्याप्त संख्या में नेत्र विशेषज्ञों को भी नियुक्त किया जाएगा और आवश्यक उपकरणों के साथ ही पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की भी उपलब्धता रहेगी.

पीएसके/एबीएम