नई दिल्ली, 8 फरवरी . भारत के ऊर्जा क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी एस्सार, स्थिरता की दिशा में एक नया रास्ता तैयार कर रहा है.
हाल ही में भारत ऊर्जा सप्ताह में, कंपनी ने देश के ऊर्जा भविष्य को नया आकार देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का अनावरण किया.
डीकार्बोनाइजेशन, विकेंद्रीकरण और डिजिटलाइजेशन के स्तंभों पर निर्मित, एस्सार की रणनीतिक दृष्टि का उद्देश्य भारत को एक हरित अर्थव्यवस्था की ओर प्रेरित करना है.
एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने ऊर्जा परिवर्तन के प्रति कंपनी के समर्पण के बारे में बात करते हुए कहा, “चूंकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है, एस्सार जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.”
सबसे आगे एस्सार ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन लिमिटेड (ईओजीईपीएल) है, जो कोयला बेड मीथेन क्षेत्र में भारत का अग्रणी खिलाड़ी है, जो वर्तमान में देश के कुल उत्पादन के लगभग 65 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. ईओजीईपीएल आने वाले पांच वर्षों में भारत के कुल गैस उत्पादन में अपना योगदान बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने के लिए प्रतिबद्ध है.
परिवहन क्षेत्र में, एस्सार एलएनजी और इलेक्ट्रिक इकोसिस्टम के विकास के माध्यम से भारी ट्रकों को डीकार्बोनाइज करने की पहल कर रहा है, इससे स्वच्छ गतिशीलता क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके.
एस्सार का 3.6 बिलियन डॉलर का पर्याप्त निवेश कम कार्बन प्रौद्योगिकियों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर जोर देता है, इसमें दुनिया के सबसे बड़े कम कार्बन (नीले हाइड्रोजन) संयंत्रों में से एक और दुनिया की पहली ग्रीन रिफाइनरी का निर्माण शामिल है.
इसके अतिरिक्त, गुजरात में 1 गीगावाट ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना विकसित करने का हालिया सौदा भारत के ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी के रूप में एस्सार की स्थिति को मजबूत करता है.
पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रथाओं को आगे बढ़ाकर और नवीन प्रौद्योगिकियों में निवेश करके, एस्सार देश के लिए एक हरित भविष्य का नेतृत्व कर रहा है और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है.
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