बिहार : मां जानकी मंदिर बनने को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, मोदी सरकार का जताया आभार

सीतामढ़ी, 8 अगस्‍त . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह Friday को बिहार दौरे पर हैं. गृहमंत्री ने माता जानकी मंदिर का शिलान्‍यास और भूमि पूजन किया. इस दौरान बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार भी मौजूद रहे. मां जानकी मंदिर शिलान्यास को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह है.

देश के कई राज्‍यों से संत और श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. श्रद्धालु सीताराम के जयकारे लगाते हुए भजन-कीर्तन करते नजर आए. श्रद्धालुओं ने कहा कि मिथिलांचल वासियों के लिए ये सौभाग्‍य की बात है. आज की खुशी का कोई मापदंड नहीं है, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

श्रद्धालु सुधांशु ने से बातचीत के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में धार्मिक स्‍थलों का विकास हो रहा है. पीएम मोदी के समय में अयोध्‍या, रामेश्‍वरम का अद्भुत विकास किया गया है. कहा जाता है कि सीता के बिना राम अधूरे हैं, ऐसे में अब जानकी मंदिर का भव्‍य निर्माण होना है. हमसब की यह लालसा थी कि अयोध्‍या की तरह ही मां सीता के मंदिर का निर्माण हो. यहां पर भक्‍तों की भीड़ लगी है. यह सभी लोग सरकार का धन्‍यवाद करने और माता किशोरी से आशीर्वाद लेने के लिए आए हुए हैं. हमारे पूर्वजों ने जो लड़ाई लड़ी वह आज सिद्ध हो रही है. यहां हर्ष और खुशी का माहौल है. सरकार हिंदुत्‍व के झंडे को लगातार मजबूत कर रही है. सभी सनातनी इसके लिए सरकार का आभार प्रकट कर रहे हैं.

एक अन्‍य श्रद्धालु ने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित योजना है. अयोध्‍या राजनीतिक प्रकरण था, लेकिन मां जानकी का मंदिर बिना किसी राजनीति और भेदभाव के बनना था. मां जानकी के मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने वाला है. मिथिला के लोगों के लिए इससे ज्‍यादा खुशी की बात और क्‍या हो सकती है.

श्रद्धालु हिमांशु ने बताया कि यह हमारे लिए परम सौभाग्‍य की बात है कि जगत जननी मां जानकी का म‍ंदिर बन रहा है. यह इतनी पावन धरती है कि यहां आकर ही लोग पुण्‍य पा लेते हैं.

बता दें कि, देवी सीता को समर्पित यह मंदिर मिथिला क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है. इसे ‘बिहार की अयोध्या’ कहा जाता है. मंदिर परिसर को तैयार करने में आने वाली अनुमानित लागत 882.87 करोड़ रुपए है. इसे 67 एकड़ में बनाया जाएगा, जिसमें 151 फीट ऊंचा गर्भगृह इसका केंद्रीय ढांचा होगा. मंदिर के 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है, और बिहार पर्यटन विभाग इसके विकास कार्यों का नेतृत्व करेगा.

एएसएच/जीकेटी