थानों और तहसीलों में न्याय सुनिश्चित कराना पहली प्राथमिकता : मनोज सिंह (आईएएनएस साक्षात्कार)

लखनऊ, 2 जुलाई . उत्तर प्रदेश में 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह ने मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली है. उनके पास अभी तक आईआईडीसी, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, सीईओ यूपीडा जैसे कई अहम पद रहे हैं.

मुख्य सचिव बनने के बाद उनकी क्या प्राथमिकताएं होंगी. जनता को किस तरह न्याय मिल सके, उनकी समस्या का तत्काल समाधान कैसे होगा. ऐसे तमाम मुद्दों पर उन्होंने से खुलकर बातचीत की. उनका कहना है कि थानों और तहसीलों में लोगों को तुरंत न्याय सुनिश्चित किया जायेगा.

सवाल: उत्तर प्रदेश के नये मुख्य सचिव की जिम्मेदारी आपको मिली है. आने वाले समय में क्या प्राथमिकताएं और क्या-क्या लक्ष्य आपने तय किये हैं?

जवाब: यह जो नयी जिम्मेदारी मिली है यह मेरे लिए बहुत बड़ा अवसर है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 24 करोड़ लोगों के आर्थिक उन्नयन और उनकी खुशहाली के लिए जो वरीयताएं और प्राथमिकताएं तय कर रखी हैं, उनके सपने को साकार करना हमारी पहली प्राथमिकता है. निवेश की दृष्टि से अभी आपने देखा होगा कि ग्राउंड सेरेमनी हुई थी, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद इसमें लगभग दस लाख करोड़ की परियोजनाओं के संबंध में हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रोजेक्ट को जमीन अलॉट हो जाए. लेटर ऑफ कंफर्मेशन इश्यू हो जाए. साथ ही जो हमारी इंडस्ट्रीज पहले से चल रही हैं, उनको इंसेंटिव दिया जाए. इसके अलावा गुड गवर्नेंस की जो सोच है, जिसमें लोग जो अपनी समस्या लेकर थाने, तहसील और ब्लॉक में जाते हैं तो उन्हें सही, तुरंत और न्यायपूर्ण तरीके से उनके आवेदन को निस्तारण किया जाए.

सवाल: अगले साल कुंभ होना है. क्या इससे पहले गंगा एक्सप्रेस वे और लिंक एक्सप्रेस वे के शुरू होने की संभावना है?

जवाब: गंगा एक्सप्रेस वे पर हम लोग काम कर रहे हैं. मेन कैरिज वे दिसंबर 2024 तक चालू किया जाए, यह चुनौती है. क्योंकि दो पैकेज के स्ट्रेस ऐसे हैं जहां पर ग्राउंड वाटर काफी ऊपर है. तो गर्मियों में भी वहां पर मिट्टी की आपूर्ति सही तरीके से नहीं हो पा रही थी. दो तीन मीटर के बाद ही पानी आ जाता था. हमारा प्रयास है कि दिसंबर 2024 तक मेन कैरिज वे चालू किया जाए.

सवाल: उत्तर प्रदेश में जनसुनवाई या अन्य जगह राजस्व संबंधी बहुत सारी शिकायतें देखने को मिलती है. इसके निस्तारित की क्या और अच्छी व्यवस्था होगी?

जवाब: मुख्यमंत्री भी इस बात पर लगातार जोर देते रहते हैं. जनता दर्शन में वो लखनऊ और गोरखपुर में काफी बड़ी संख्या में अलग-अलग दूर-दूर के जिलों से आने वाले लोगों से मिलते हैं. आईजीआरएस में इसको लेकर एक बहुत अच्छी और सशक्त व्यवस्था है, तो उस पर जो लोगों की शिकायतें आ रही हैं, अगर हम उनका निस्तारण उनके समाधान के अनुसार करें तो फिर ये शिकायतें कम हो सकती हैं.

उसके लिए हम लोग यहां एक व्यवस्था बना रहे हैं कि हर दिन चार या पांच शिकायतें ली जाए और उसको आखिरी तक देखा जाए. जो रिपोर्ट लगाई गई है, जो कार्रवाई की गई है, जैसा अथॉरिटी दावा कर रही है, उसके हिसाब से वह सही है या नहीं, यह भी देखा जाएगा. मेरी समझ में हम लोग इस व्यवस्था को पंद्रह बीस दिन चलाते हैं तो इससे और गुणवत्ता आएगी.

सवाल: राज्य की कानून व्यवस्था और बेहतर कैसे हो, इसके लिए क्या उपाय आपने सोचे हैं?

जवाब: कानून व्यवस्था की स्थिति अभी बहुत अच्छी और बेहतर है. आईआईडीसी काम करते हुए मेरा अनुभव है कि मुझसे जो भी औद्योगिक घराने के लोग मिलते हैं, उनका कहना है कि यूपी में कानून-व्यवस्था अच्छी है, इसलिए हम प्रदेश में इन्वेस्ट करना चाहते हैं. हमारा यह प्रयास पुलिस के साथ मिलकर इस व्यवस्था को और मजबूत करने का होगा.

सवाल : सांसद, विधायक अक्सर शिकायत करते हैं कि जिले के अधिकारी न तो उनका फोन उठाते हैं और न ही जवाब देते हैं. इसको लेकर क्या करेंगे?

जवाब: आप सही कह रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री लगातार आदेश देते रहते हैं. ये मामला जवाबदेही का है, जो हमारे फील्ड लेवल के अधिकारी हैं, उनके लिए 10 बजे से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से दफ्तर में बैठना जरूरी है. जनता की शिकायतों, सुझावों को सुनने की बात है, ये यहां से ठीक किया जाएगा. मुख्यमंत्री के इस विषय पर जो निर्देश हैं उनका सही तरीके से पालन किया जाए.

सवाल: यूपी में निजी और सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के लिए क्या योजना है?

जवाब: मुख्यमंत्री ने विभाग में खाली पड़े पदों को भरने के निर्देश दिए हैं. पदों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश की जाएगी.

सवाल: पेपर लीक को लेकर कानून लाया जा रहा है. पेपर लीक एक बड़ा मुद्दा रहा है, इसको लेकर क्या सुदृढ़ व्यवस्था करेंगे?

जवाब: ये एक गंभीर समस्या है. इसको लेकर मुख्यमंत्री काफी चिंतित हैं. यही वजह है कि उन्होंने एक नया और सख्त कानून भी इस विषय पर बनाया है. मेरा मानना है कि जिले में जितने भी परीक्षा केंद्र पड़ते हैं, उनमें प्रतिष्ठित कॉलेज और स्कूल शामिल होने चाहिए. प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस को बैठक कर पूरी गंभीरता के साथ ये सुनिश्चित करना चाहिये कि ये परीक्षाएं निष्पक्ष और सही तरीके से संपन्न हो सके. अब हमारा प्रयास होगा कि हम लोग इस लक्ष्य को पूरा करें.

विकेटी/एफजेड