इंग्लैंड की आक्रामक क्रिकेट से विकेट लेने में मदद मिली : कुलदीप

राजकोट, 13 फरवरी भारत के बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव का कहना है कि उन्‍होंने विशाखापटनम में इंग्‍लैंड के बैज़बॉल क्रिकेट का लुत्‍फ लिया क्‍योंकि इससे ना केवल विकेट लेने के अधिक मौक़े बने बल्कि इसने गेंदबाज़ों को टेस्‍ट में बल्‍लेबाज़ों को रोकने के बारे में सोचने पर मजबूर किया है.

15 फ़रवरी से राजकोट में शुरू होने वाले तीसरे टेस्‍ट से पहले कुलदीप ने कहा, “आमतौर पर टेस्‍ट क्रिकेट में आप टीमों के आक्रामक रूख [बैज़बॉल] के आदी नहीं होते हैं, लेकिन इससे आप अधिक शामिल होते हो. स्पिनर के तौर पर यह आपको यह फ़ोकस करने पर अधिक मजबूर करता है कि आप कहां गेंद करते हो और आपका दृष्टिकोण क्‍या हो.”

कुलदीप ने मैच से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,”आमतौर पर जब आप टेस्‍ट खेलते हो तो आप इसकी चिंता नहीं करते हो कि बल्‍लेबाज़ आप पर आक्रमण करेंगे, आपका फ़ोकस केवल यही होता है कि कैसे बल्‍लेबाज़ों को आउट करो. लेकिन यहां दृष्टिकोण अलग है, वे आक्रामक मोड में है तो आपको योजना बनानी होती है कि कैसे उनको रोको. जब वे शॉट खेलते हैं तो आपके पास विकेट लेने के अधिक मौक़े बनते हैं. यह दिलचस्‍प है. पिछला मैच मेरा बैज़बॉल के ख़‍िलाफ़ पहला मैच था. मुझे बहुत मज़ा आया, यह क्रिकेट के लिए अच्‍छा है.”

मार्च 2017 में टेस्‍ट डेब्‍यू करने के बाद विशाखापटनम टेस्‍ट केवल उनका नौवां मैच था. यह 15 महीनों में उनका पहला टेस्‍ट भी था. कुलदीप ने मैच के अपने चार विकेट में से तीन पहली पारी में लिए जिसकी मदद से भारत को 143 रन की बढ़त मिली और भारत पांच टेस्‍ट की सीरीज़ 1-1 से बराबर करने में क़ामयाब रहा.

जब उनसे आख़‍िरकार टेस्‍ट क्रिकेट में मौक़ा मिलने के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने हंसते हुए कहा, “यह अच्‍छा रहा है. जो भी टेस्‍ट मैंने खेले हैं मैंने अच्‍छा प्रदर्शन किया है. मेरे पास तीन बार पारी में पांच विकेट हैं, तो हां जब आप आंकड़े देखते हैं तो अच्‍छा लगता है. मैं बहुत खुश हूं.”

इस सीरीज़ के पहले दो टेस्‍ट की पिच रैंक टर्नर नहीं थी और अगर यही ट्रेंड राजकोट में भी चला तो कुलदीप प्‍लेयिंग इलेवन में अपनी जगह बरक़रार रख सकते हैं फ‍िर चाहे रवींद्र जडेजा भी वापसी कर रहे हों. कुलदीप का खरापन और उन्‍हें मिलने वाला अधिक उछाल उनको अक्षर पटेल से अधिक प्रभावी बना देता है.

जब राजकोट टेस्‍ट में उनके खेलने के अवसर के बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, “मैं अपनी पॉज़‍िशन के बारे में पक्‍का नहीं हूं. अगर मुझे मौक़ा मिलता है तो मैं बहुत खुश होऊंगा. मैं अपने दिन का लुत्‍फ़ ले रहा हूं और कड़ी मेहनत कर रहा हूं. टीम गेम में संयोजन बहुत मायने रखता है.” कुलदीप को उनके पिछले राजकोट टेस्‍ट की याद दिलाने की ज़रूरत नहीं पड़ी जहां 2018 में उन्‍होंने वेस्‍टइंडीज़ के ख़‍िलाफ़ पांच विकेट लिए थे.

जब इंग्‍लैंड के ख़‍िलाफ़ होने वाली आगामी पिच के बारे में पूछा तो उन्‍होंने कहा, “यह बल्‍लेबाज़ी विकेट होगा. इसका मतलब यह नहीं है कि यहां पर 700-800 रन बनेंगे, यह क्रिकेट के लिए बेहतरीन विकेट है.” इस सीरीज़ के लिए अचानक से पिचों में बदलाव क्‍यों हुआ? कुलदीप ने कहा, “मैंने रैंक टर्नर्स पर नहीं खेला हूं, मैं नहीं जानता इसके पीछे क्‍या दृष्टिकोण या सोच है. यह टीम प्रबंधन का फ़ैसला है. जाहिर तौर पर हर कोई अच्‍छा क्रिकेट देखना चाहता है. मुझे नहीं पता कि मुझे मौक़ा मिलेगा या नहीं, लेकिन फ‍िर चाहे यह पाटा विकेट हो या रैंक टर्नर, मैं लुत्‍फ लूंगा. मुझे लगता है कि बल्‍लेबाज़ी भी जरूरी है, ना ही केवल स्पिन गेंदबाज़ी. तेज़ गेंदबाज़ी भी खेल में आती है, यह क्रिकेट के लिए अच्‍छा है. ऐसा नहीं है कि आप केवल रैंक टर्नर्स ही देखोगे, लेकिन उम्‍मीद है कि आप देखोगे.”

आरआर/