रीवा, 9 नवम्बर . मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शनिवार को कहा कि इंजीनियरिंग दुनिया को बेहतर बनाने की कला है. शिक्षा, स्वास्थ्य तथा बुनियादी ढांचा विकास में इंजीनियरों का बहुत बड़ा योगदान है. मानव को शिक्षा ही समर्थ और संस्कारवान बनाती है.
रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यपाल पटेल ने कहा कि विन्ध्य की धरा सफेद बाघ की जननी, चिरहुलानाथ स्वामी और महामृत्युंजय भगवान की कृपापात्र तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमि है. इसके रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज की 60 वर्ष की विकास गाथा सफलताओं से भरी है.
समारोह में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि इंजीनियरिंग हर तरह के विकास का मूल है. रीवा में विकास के कई बड़े कार्य हुए हैं. इन सबमें इंजीनियरों का सर्वाधिक योगदान रहा है. यह इंजीनियरिंग का ही चमत्कार है कि गुढ़ की पथरीली उजाड़ पहाड़ी में 750 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र सफलता की गाथा कह रहा है. रीवा के सोलर प्लांट की बिजली से दिल्ली की मेट्रो ट्रेन दौड़ती है. विन्ध्य चार करोड़ टन सीमेंट और 15 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. विन्ध्य में इंजीनियरों के परिश्रम से बुनियादी ढांचे का जो विकास हुआ है उसमें विन्ध्य के विकास की गाड़ी अब तेजी से दौड़ रही है. इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व छात्र मिलकर कॉलेज के विकास का रोडमैप बनाएंगे और इसे देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकी संस्थान के रूप में विकसित करेंगे.
समारोह में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल से ही ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म और दर्शन की परंपरा रही है. इसी ज्ञान परंपरा को समाहित करके नई शिक्षा नीति बनाई गई है. हमारे देश में आज भी हजारों साल पुराने स्मारक स्थापत्य और विज्ञान की सफलता की कहानी कहते हुए विद्यमान हैं. भारत के एक इंजीनियर ने 13वीं शताब्दी में चीन में बीजिंग शहर और दुनिया के सबसे बड़े मंदिर कंबोडिया के अंगकोरवाट मंदिर की डिजाइन बनाई थी. सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा और अक्षय स्रोत है. इसीलिए हमारे देश में सूर्य की पूजा की जाती है. समारोह में सांसद जनार्दन मिश्र भी मौजूद रहे.
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एसएनपी/एकेजे