गाजियाबाद, 30 मार्च . लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण के लिए नामांकन शुरू हो चुके हैं और गाजियाबाद में गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा एक अप्रैल को नामांकन करेंगी. गठबंधन के चलते डॉली शर्मा काफी उत्साहित हैं. उन्होंने जनता के बीच जाकर मूलभूत सुविधाओं के अभाव को मुद्दा बनाया हैं. उन्होंने भाजपा पर काम न करने के आरोप भी लगाए हैं.
डॉली शर्मा ने बीजेपी उम्मीदवार पर निशाना साधते हुए बताया कि हम अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं और बीजेपी के प्रत्याशी स्वास्थ्य मंत्री के रूप में फेल हो चुके हैं. उन्होंने कहा है कि गाजियाबाद में मूलभूत सुविधाओं का अभी भी अभाव है. खोड़ा जैसे इलाकों में लोग अभी भी पानी के लिए तरस रहे हैं. जिस तरीके की जनसंख्या गाजियाबाद की है, उस हिसाब से यहां पर न स्कूल है और न डिग्री कॉलेज हैं.
उन्होंने कहा कि खोड़ा ही नहीं, बल्कि गाजियाबाद के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर पीने का स्वच्छ पानी आम जनता को नहीं मिल रहा है. इसके साथ-साथ सीवर व्यवस्था भी पूरी तरीके से फेल हो चुकी है. लोनी जैसे इलाकों में आज भी पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है और यही हाल गाजियाबाद के और इलाकों में भी है.
डॉली शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि गाजियाबाद एक ऐसी स्मार्ट सिटी है, जहां पर आज भी न पानी है, न सड़के हैं और न ही अस्पताल है. सिर्फ एक एमएमजी अस्पताल है, जिस पर पूरे गाजियाबाद का भार पड़ता है.
उन्होंने कहा कि लगातार लोगों का सहयोग मिल रहा है. अन्य पार्टी के लोगों का भी फोन आ रहा है और समर्थन मिल रहा है. मैं पूरे तरीके से आश्वस्त हूं कि जीत इंडिया गठबंधन और कांग्रेस पार्टी की होगी.
डॉली शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के साथ अपराध में नंबर एक पर है. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के साथ अत्याचार हुआ है, युवा बेरोजगार भटक रहे हैं, पेपर लीक जैसे घोटाले हो रहे हैं.
गाजियाबाद में एक भी चेयरमैन भाजपा का नहीं है. चाहे वह खोड़ा में हो, डासना में हो, मुरादनगर में हो या लोनी में हो. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग किस पार्टी के साथ जाना चाहते हैं. गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्र की जनता मौजूदा पार्टी के लोगों से त्रस्त है. यह जनप्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचते ही नहीं हैं.
डॉली शर्मा ने विश्वास जताया है कि गाजियाबाद में आधी आबादी तकरीबन 14 लाख के आसपास है और माताओं व बहनों का विश्वास उनके साथ जरूर रहेगा.
गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार गाजियाबाद से मौजूदा सांसद वीके सिंह की जगह अतुल गर्ग को अपना प्रत्याशी बनाया है. गाजियाबाद से विधायक अतुल कुमार गर्ग के सामने सिर्फ एक चुनौती नहीं बल्कि चुनौतियों का पहाड़ है. उनके सामने जातीय समीकरण से लेकर पार्टी के नेताओं का विरोध और स्थानीय लोगों की नाराजगी जैसी कई मुसीबतें हैं. हालांकि, गाजियाबाद सीट पर जीत हमेशा से बीजेपी के लिए आसान रही है.
पीकेटी/पीके