बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, सर्च ऑपरेशन जारी

बीजापुर, 12 अप्रैल . छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शनिवार सुबह सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के इंद्रावती नदी से सटे जंगलों में मुठभेड़ शुरू हुई. पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुठभेड़ में माओवादियों को भारी नुकसान होने की संभावना है. सर्च अभियान अभी भी जारी है और विस्तृत जानकारी बाद में साझा की जाएगी.

पुलिस के अनुसार, माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम माओवादी विरोधी अभियान के लिए निकली थी. इस टीम में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल थे. सुबह करीब 9 बजे इंद्रावती क्षेत्र के जंगलों में माओवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हुई.

बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चंद्रकांत गवर्ना ने बताया, “हमारी टीमें पूरी सतर्कता के साथ अभियान चला रही हैं. मुठभेड़ में नक्सलियों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन अभी सटीक जानकारी के लिए सर्च ऑपरेशन पूरा होने का इंतजार है.”

उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की ओर से किसी नुकसान की खबर नहीं है.

यह मुठभेड़ भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के उन जंगली इलाकों में हुई, जो माओवादियों का गढ़ माने जाते हैं. बीजापुर में पिछले कुछ महीनों से सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियानों को तेज किया है, जिससे माओवादी संगठनों को काफी नुकसान हुआ है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन अभियानों से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बढ़ रही है.

पुलिस का कहना है कि सर्च अभियान के बाद मुठभेड़ से जुड़ी सारी जानकारी साझा की जाएगी. माओवादियों के पास से हथियार और अन्य सामग्री बरामद होने की भी संभावना है. बीजापुर में सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित हो सके.

पिछले कुछ दिनों से नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को काफी सफलता मिली है. इसका ही नतीजा है कि आठ अप्रैल को बीजापुर में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 6 महिला नक्सली भी शामिल थीं. आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति और नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था.

एसएचके/केआर