भोपाल, 6 जनवरी . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्तिकरण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक कोने तक उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे, हर जिले में मेडिकल कॉलेज हो, अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हो और पर्याप्त स्वास्थ्य अमला हो. 46 हजार से अधिक स्वास्थ्य अमले की भर्ती के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है. उन्होंने शीघ्र भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा से कोई भी क्षेत्र विकास की छलांग लगाने के लिए तैयार होता है. सशक्त और विकसित प्रदेश के लिए इन क्षेत्रों का सशक्त होना जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने समत्व भवन से ‘पीएम जनमन अभियान’ के तहत 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सभी मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रदेश के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सहज और सुलभ उपलब्धता का कार्य करेगी.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स दुर्गम और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में पहुंचकर आमजन को ओपीडी, रोग निदान, उपचार और दवाइयों जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी. प्रत्येक यूनिट में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध रहेंगे.
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा. स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तिकरण के लिए संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी. मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) से 21 जिलों के 87 विकासखंडों में 1,268 ग्रामों के लगभग 3,12,246 लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
योजना में चिन्हित जिले अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, छिंंदवाड़ा , दतिया, डिंडौरी, गुना, ग्वालियर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, सतना, शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी, जबलपुर, रायसेन, उमरिया और विदिशा शामिल हैं.
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